दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स ने वॉशिंगटन के किंग काउंटी कोर्ट में 27 साल तक दांपत्य जीवन बिताने के बाद तलाक की याचिका दायर कर दी है। 65 साल के बिल गेट्स और 56 साल की मेलिंडा के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, इसका पता पिछले साल की एक घटना से भी चला। तब बिल ने माइक्रोसॉफ्ट और दुनिया के मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे दिया था। वह अपने परिवार के साथ ज्यादा वक्त गुजारना चाहते थे।
कई मीडिया हाउस ने अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस और मैकेंजी स्कॉट के तलाक के साथ इनकी तुलना की, लेकिन बिल और मेलिंडा का मामला अलग है। उनके बीच तलाक का असर सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट, गेट्स परिवार की निजी कंपनियों और उनकी मिल्कियत तक ही सीमित नहीं होगा। इसका असर भारत सहित दुनिया के कई देशों में चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों, क्लाइमेट चेंज पॉलिसी और सामाजिक मामलों पर भी पड़ सकता है। इसका कारण बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन है, जो इन क्षेत्रों में दुनियाभर में काम कर रहा है। वे अब तक 50 अरब डॉलर यानी साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक रकम ऐसी पहल पर खर्च कर चुके हैं।
हर साल 37 हजार करोड़ रुपए चैरिटी करते हैं
फाउंडेशन हर साल 37 हजार करोड़ रुपए परोपकार के काम में लगाता है। कोरोना महामारी से लड़ने में भी फाउंडेशन ने करीब 8 हजार करोड़ रुपए की मदद की। कोविड-19 वायरस पिछले साल जब दुनिया में फैला तो उसे खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने की पहल में बिल गेट्स ने अहम भूमिका निभाई।
92 गरीब देशों और दर्जन भर अन्य मुल्कों के लिए कोवैक्स नाम से एक अंतरराष्ट्रीय पहल शुरू हुई है, जिसमें यह संस्था अहम रोल अदा कर रही है। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर रॉब राइख कहते हैं कि इस तलाक से फाउंडेशन और दुनिया में उसके कामकाज पर काफी असर पड़ सकता है।
साथ काम करते रहेंगे
बिल और मेलिंडा की ओर से सिर्फ इतना बताया गया है कि वे परोपकार के काम को लेकर आपस में सहयोग करते रहेंगे। बफेट ने भी गेट्स फाउंडेशन को अरबों डॉलर का दान दिया है। दुनिया में नहीं रहने पर भी उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा इसे मिलेगा।
इससे पहले 2010 में बफेट और बिल ने ‘गिविंग प्लेज’ नाम की पहल शुरू की थी, ताकि अमीर लोग अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा चैरिटी के लिए दें। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि गेट्स परिवार के पास अमेरिका में सबसे अधिक जमीन है। इसलिए दुनिया की दिलचस्पी यह जानने में होगी कि इस तलाक में किसके हिस्से में कितनी रकम आती है?
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