ब्राजील में नए राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के शपथ ग्रहण समारोह के एक हफ्ते बाद पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सेनारो के हजारों समर्थकों ने वहां संसद और राष्ट्रपति भवन में तोड़फोड़ मचा दी। इस मामले में अब तक 1500 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अब ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने वहां के सुरक्षा बलों को ही इसका जिम्मेदार ठहरा दिया है। सिल्वा ने शपथ ली है कि वो हमला करवाने वालों को ढूंढ कर ही रहेंगे।
'पुलिस और प्रदर्शनकारियों में मिलीभगत थी'
लूला डा सिल्वा ने दावा किया है कि कई वीडिया फुटेज ऐसे हैं जिनमें प्रदर्शनकारी और पुलिस आपस में बातचीत कर रहे हैं। हमला करने वालों की पुलिस के साथ मिलीभगत थी।
गवर्नरों के साथ हुई एक मीटिंग में उन्होंने कहा कि पुलिस और इंटेलिजेंस ने सभी खतरों को इग्नोर किया था। सीएनएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों में घुस रहे थे तब पुलिस चुपचाप खड़ी उन्हें देख रही थी।
प्रदर्शनकारियों ने ऐतिहासिक पेंटिंग्स और आर्ट को भी नहीं छोड़ा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दंगाईयों ने यह भी ध्यान नहीं रखा की वो किस चीज को तोड़ रहे हैं। उन्होंने अपने ही देश की बहुत कीमती पेटिंग्स और आर्ट को नुकसान पहुंचाया है। जिससे ब्राजील को करोड़ों का नुकसान हुआ है।ब्राजील में राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने बताया कि उनके आर्ट कलेक्शन को जो नुकसान पहुंचा है उसको कभी ठीक नहीं किया जा सकता है।
हिंसा के दौरान तोड़ी गई एक पेंटिंग की कीमत तो 12 करोड़ 27 लाख रुपए थी। वहीं एक आर्टिस्टिक ढांचा 38 लाख का था जिस प्रदर्शनकारियों ने कई जगह से तोड़ दिया।
सुरक्षा बलों ने मीटिंग कर बनाई योजना बदली
ब्राजील के न्याय मंत्री फ्लावियो डिनो ने कहा कि शुक्रवार को हिंसा से पहले सुरक्षा बलों ने एक मीटिंग की थी। इस बैठक के बाद भी सरकारी इमारतों के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। बातचीत के बाद भी सुरक्षा बलों की संख्या भी जरूरत से बहुत कम रखी गई। समझ से बाहर है कि अंतिम समय में योजना में बदलाव क्यों किया गया।
सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ के फोटोज...
एक महीने पहले भी हुई थी हिंसा
करीब एक महीने पहले भी ब्राजील में ऐसी ही हिंसा हुई थी। पुलिस और बोल्सोनारो के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी। समर्थक पुलिस हेडक्वार्टर में घुस गए थे। यहां सिल्वा की जीत का विरोध कर रहे बोल्सोनारो के समर्थकों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे। पूरी खबर पढ़ें...
ब्राजील की हिंसा ने अमेरिका की याद दिलाई6 जनवरी 2021 को ट्रम्प के समर्थक अमेरिकी संसद में घुस गए थे। उन्होंने हिंसा भड़काई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन समर्थकों को ट्रम्प ने एक ट्वीट में क्रांतिकारी भी बताया था। यह सब 2020 राष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट को बदलने के लिए हुआ था, जिसमें जो बाइडेन की जीत हुई थी।
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