चीन में 3 से 17 साल तक की उम्र वालों के लिए सिनोवैक बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल मिल गया है। तीन साल की उम्र के बच्चों के टीके को मंजूरी देने वाला चीन दुनिया का पहला देश है। अभी तक चीन में 18 से ज्यादा उम्र वालों को ही टीका दिया जा रहा था।
अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और कुछ अन्य देशों में 12 से 16 साल की उम्र के किशोरों को टीका देने की शुरुआत हुई है। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि किस आयु वर्ग को और कब चीन में इस टीके की पहली खुराक दी जाएगी।
अन्य कंपनियों ने भी मांगा अप्रूवल
चीन की सरकारी कंपनी सिनोफार्म ने भी किशोरों के लिए अपनी वैक्सीन की अनुमति मांगी है। सिनोफार्म टीके के लिए सिनोवैक की ही तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। वहीं एक और कंपनी कैनसीनो बायोलॉजिक्स 6 से 17 साल की उम्र के लोगों के लिए टीका बना रही है। इसकी तकनीक सिनोवैक से अलग है। इसके टीके के दूसरे चरण का परीक्षण हो रहा है।
ट्रायल कारगर; बूस्टर डोज देने पर एक हफ्ते में 10 गुना ज्यादा एंटीबॉडी
सिनोवैक ने दूसरे चरण का परीक्षण भी पूरा कर लिया है। परीक्षण के दौरान प्रतिभागियों को टीके की दो नियमित डोज दी गईं। इसके बाद तीसरी बूस्टर डोज दी गई। इस दौरान पहले की अपेक्षा एक हफ्ते में एंटीबॉडी का स्तर 10 और 15 दिन बाद 20 गुना देखने मिला। हालांकि, अभी कंपनी को एंटीबॉडी अवधि के दीर्घकालिक अवलोकन की आवश्यकता है। इसके बाद अधिकारियों से सिफारिश की जाएगी कि तीसरी खुराक कब दी जाए।
सुरक्षित और प्रभावी पाई गई वैक्सीन
सिनोवैक बायोटेक के CEO यिन वेइदोंग ने बताया कि पहले और दूसरे चरण के परीक्षण में हजारों प्रतिभागियों को शामिल किया गया। यह वैक्सीन वयस्काें की तरह बच्चों के लिए भी पूरी तरह से सुरक्षित तथा प्रभावी पाई गई। समान टीका, समान मात्रा और समान प्रक्रिया का उपयोग तीन से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए किया जा सकता है।
अब तक 72 करोड़ लोगों को टीका लगा
चीन में तीन जून तक 72.3 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इस साल के अंत तक 1.4 अरब की आबादी में से 80% लोगों का टीकाकरण होने का अनुमान है।
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