चीन में उइगरों पर हो रहे अत्याचार को लेकर नया खुलासा हआ है। यहां के शिनजियांग प्रांत के एक डिटेंशन कैंप में कैद लोगों की तस्वीरें लीक हुई हैं। ये तस्वीरें शिन्जियांग में पुलिस के कंप्यूटर हैक होने के बाद सामने आई हैं।
पुलिस फाइल्स की तस्वीरें देख कर अमेरिका में बसे कई उइगर मुसलमानों ने नजरबंद किये गए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को पहचाना। शिनजियांग इन डिटैंशन कैम्प्स में हो रहे अत्याचार के लिए दुनियाभर में बदनाम है। चीन सरकार पर, यहां उइगर मुसलमानों पर तरह तरह के अत्याचार करने का आरोप लगाए जाता है।
तस्वीर देखकर चचेरे भाई को पहचाना
5 साल से अपने परिवार से संपर्क खो चुके अनवर ने लीक हुई तस्वीरों में अपने चचेरे भाई अरजुगुल अब्दुरहीम की तस्वीर ढूंढ निकाली। अनवर ने अपने भाई के सुरक्षित होने की उम्मीद जताई। कुछ ऐसी ही कहानी 2011 से अमेरिका में रह रहे मेहमेत अली सुल्तान ने सुनाई।
सुल्तान ने 2017 में पकड़े गए अपने स्कूल के दोस्त को पहचाना। सुल्तान ने कहा- अगर यह तस्वीरें न देखता तो कभी पता नहीं चलता कि मेरे दोस्त को कैंप में रखा गया है।
कैम्प्स की सुरक्षा में घातक हथियारों का इस्तेमाल
कंप्यूटर से लीक हुई तस्वीरों ने डिटैंशन कैम्प्स की सुरक्षा इंतजाम भी पता चले। लड़ाई में इस्तेमाल होने वाली असाल्ट राइफल से इन कैम्प्स की सुरक्षा की जाती है। वॉशिंगटन के रिसर्च कर्ता एड्रिअन जेंज के मुताबिक- डिटैंशन कैम्प्स की यह तस्वीरें सरकार की मंशा साफ दिखाती हैं। पुराने कैम्प्स में जगह की कमी की वजह से, सरकार ने नए कैम्प्स बनाए जाने के साथ शूट-टू-किल जैसे ऑर्डर भी जारी किए हैं।
डिटैंशन कैम्प्स में मानवाधिकारों का हनन
चीन सरकार पर उइगर समेत कई अल्पसंख्यकों को दबाने के आरोप लगते रहे हैं। मानव अधिकार से जुड़े कार्यकर्ता कई समय से, शिन्जियांग में कम्युनिस्ट पार्टी का सुरक्षा के नाम पर लोगों को डिटैंशन कैम्प्स में रखने के, जबरन लोगों को परिवारों से दूर करने का और लोगों की जबरन नसबन्दी करने के आरोप लगते रहे हैं।
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