चीन की नेवी जल्द ही अपने तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर 'फुजियान' को नौसेना के बेड़े में शामिल करने जा रही है। चीन का दावा है कि यह एयरक्राफ्ट कैरियर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम से लैस है। इस एयरक्राफ्ट कैरियर को समुद्र में अमेरिकी वर्चस्व के लिए चुनौती माना जा रहा है। हालांकि, यह बात किसी से ढकी-छुपी नहीं है कि चीन अपनी सैन्य ताकत का अक्सर बढ़ा-चढ़ा कर बखान करता है।
ऐसे में चीन का फुजियान एयरक्राफ्ट कैरियर को लेकर जो दावा भी शक के घेरे में है। फुजियान एयरक्राफ्ट स्टीम एनर्जी (भाप की शक्ति) से संचालित होता है। जबकि, एटॉमिक एनर्जी से चलने वाला अमेरिकन नेवी का सुपरकैरियर गेराल्ड फोर्ड आज तक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम (EMALS) लैस नहीं हो पाया है।
फुजियान को लेकर दावा है कि यह कैरियर इंडो-पैसिफिक में अमेरिका सैन्य शक्ति का जवाब है। हालांकि, भारतीय नौसेना के एडमिरल इस कैरियर की क्षमता पर बुनियादी सवाल उठा रहे हैं। भारतीय नेवी के वॉर प्लानर्स यह जानना चाहते हैं कि चीन भाप की शक्ति पर EMALS कैसे ऑपरेट करेगा। जबकि, इससे बहुत बेहतरीन US गेराल्ड फोर्ड अभी तक इस सिस्टम को लेकर संघर्ष कर रहा है।
क्या है इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट-असिस्टेड लॉन्च सिस्टम?
किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर से फाइटर प्लेन को लॉन्च करने के लिए एक खास तरह के सिस्टम की जरूरत होती है। क्योंकि, एयरक्राफ्ट कैरियर का रनवे जमीन में मौजूद रनवे से छोटा होता है। इसलिए एयरक्राफ्ट कैरियर पर प्लेन की लैंडिग और लॉन्च के लिए एक खास तरह के सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे CATOBAR सिस्टम कहा जाता है।
CATOBAR सिस्टम का काम किसी भी एयरफ्राफ्ट कैरियर से फाइटर प्लेन को लॉन्च और रिकवर करना होता है। यह सिस्टम दो तरह के होते हैं। पहला स्टीम कैटापल्ट जो आज के ज्यादातर कैरियर में यूज होता है। दूसरा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम (EMALS) होता है।
EMALS सिस्टम कई मामलों में स्टीम कैटापल्ट से उन्नत...
2030 तक होंगे 5 से 6 एयरक्राफ्ट कैरियर
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि चीन के पास 2030 तक 5 से 6 एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे। चीन का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर लियोनिंग है जबकि दूसरा टाईप 001ए। इन दोनों की क्षमता 30-30 जेट विमानों की है।
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