अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के ताइवान दौरे से चीन बौखला गया है। उसने धमकी भरे लहजे में कहा है कि वे (अमेरिका) आग से खेल रहे हैं और इसमें खुद ही जल जाएंगे। चीन की बौखलाहट इस कदर बढ़ गई है कि उसने ताइवान के करीब सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है, हालांकि इसकी लोकेशन नहीं बताई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ताइवान में स्थित एक अमेरिकी इंस्टीट्यूट ने कुछ दिन पहले अमेरिकी डेलिगेशन का ताइवान दौरा अरेंज किया था। अमेरिकी डेलिगेशन सेना के विमान से ताइवान पहुंचा था। इसे चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेन बिन ने जोखिम भरा और उकसाने वाला बताया है। उनका कहना है कि अमेरिका ने वन-चाइना पॉलिसी का उल्लंघन किया है।
वहीं अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि यह सामान्य दौरा था और ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर किया गया था। वहीं ताइवान की प्रेसिडेंट साइ इंग-वेन ने इस दौरे को बेहद अहम और दो दोस्तों की सहमति वाला बताया है।
चीन ने पिछले दिनों ताइवान के एयर जोन में भेजे थे विमान
अमेरिकी डेलिगेशन का ताइवान दौरा ऐसे समय हुआ है जब चीन और ताइवान के बीच तनाव का माहौल है। चीन ने कुछ दिन पहले ही ताइवान के एयर डिफेंस जोन में लड़ाकू और सर्विलांस प्लेन समेत 6 एयरक्राफ्ट भेजे थे। चीन कहता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है और जरूरत पड़ने पर सैन्य ताकत से उस पर कब्जा भी कर सकता है।
अमेरिका-चीन के बीच तीन जगह टकराव के हालात
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड से लेकर मिलिट्री तक कई जगह तनाव चल रहा है। खासतौर पर साउथ चाइना सी, ताइवान और हिंद-प्रशांत में टकराव ज्यादा है। ताइवान पर चीन की दबाव वाली रणनीति से निपटने के लिए अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह हर कीमत पर ताइवान को मदद देगा। चीन इससे बिफरा हुआ है, क्योंकि वह ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।
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