चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं मीटिंग:राष्ट्रपति जिनपिंग को पार्टी में कोई चुनौती नहीं, तीसरे टर्म में पहले से ज्यादा दबाव होगा
चाइना कम्युनिस्ट पार्टी यानी CCP की 20वीं कांग्रेस रविवार को बीजिंग में शुरू हुई। यह एक हफ्ते चलेगी। अगर चीन और दुनिया के सामने कुछ छिपा नहीं है तो वो ये सच है कि प्रेसिडेंट शी जिनपिंग को तीसरा टर्म मिलने जा रहा है। यह वो सीक्रेट है जिसे हर कोई जानता और मानता है।
जिनपिंग 10 साल से राज कर रहे हैं और अब उन्हें एक और टेन्योर मिलने का मतलब है कि पार्टी के अंदर से जिनपिंग को कोई चुनौती नहीं मिल रही। वो फिर पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बनेंगे। हेड ऑफ द मिलिट्री रहेंगे और दुनिया में उन्हें बतौर चीनी राष्ट्रपति पहचाना जाता रहेगा।
कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं
- CCP की मीटिंग शुरू हो चुकी है। अब तक जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल को लेकर चीन के किसी अफसर या नेता ने जुबान नहीं खोली है। यह इसलिए और हैरान करने वाला है, क्योंकि जिनपिंग के सामने कोई सियासी चुनौती नहीं है। एक हफ्ते तक इस मामले में खामोशी बनी रहेगी।
- एक महीने पहले चीन के एलीट्स की तरफ से जो संकेत मिले, उनसे साफ हो जाता है कि जिनपिंग सत्ता में बने रहेंगे, क्योंकि उनकी सियासी विरासत पर काबिज होने वाला कोई नजर नहीं आ रहा।
- एक और बात दुनिया के लिए बेहद अहम है। दरअसल, जिनपिंग को तीसरा टर्म मिलने के मायने ये हुए कि वो उन्हीं नीतियों को बढ़ाएंगे जो दो कार्यकाल में चल रहीं थीं। इसका दूसरा पक्ष ये है कि अगर जिनपिंग सत्ता से हट जाते तो शायद एक सियासी अस्थिरता सामने आती।
- इन सबके बीच, अगर कुछ सच है तो वो ये है कि तीसरे कार्यकाल में जिनपिंग पर दबाव जरूर बढ़ेगा। आज नहीं तो कल, उन्हें यंग जनरेशन को पावर ट्रांसफर करना होगा और इसके लिए इसी टर्म में रोडमैप सामने लाना होगा।
पॉलिसी डायरेक्शन पर कुछ क्लियर नहीं
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर युहुआ वांग चीन से ही हैं। CCP कांग्रेस के बारे में उनकी राय बिल्कुल साफ है। वांग कहते हैं- आम चीनी नागरिक और इन्वेस्टर्स अब तक यह नहीं समझ पाए हैं कि चीन अब किस दिशा में जाएगा। उसका पॉलिसी डायरेक्शन पहले की तरह ही रहेगा या फिर उसमें कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। लोग इस बारे में जानना चाहते हैं।
- वांग आगे कहते हैं- इस तस्वीर का एक और पहलू है। दरअसल, अगर जिनपिंग के सक्सेसर यानी उत्तराधिकारी के बारे में कोई फैसला नहीं आता है तो यह चीन के लिए भी बहुत खतरनाक है। इसकी वजह यह है कि इससे चीन का एलीट क्लास या अमीर तबका बंटने लगेगा और उनकी सोच में भी बदलाव आएगा। इसका असर देश पर पड़ना तय है।
अब तक प्रेसिडेंट ही पावरफुल
- 2018 में CCP ने जिनपिंग को सत्ता में बनाए रखने के लिए पार्टी संविधान में बदलाव किया। देश की तीनों टॉप पोस्ट्स पर एक ही शख्स का कब्जा हो गया। जिनपिंग प्रेसिडेंट के साथ आर्मी चीफ और पार्टी चीफ भी बने रहे। वैसे खास बात यह है कि जनरल सेक्रेटरी और आर्मी चीफ के लिए टर्म लिमिट नहीं है। इसके मायने ये हुए कि जिनपिंग को तीसरा टर्म मिलने में कोई दिक्कत नहीं है।
- एक थ्योरी यह है कि जिनपिंग पार्टी और मिलिट्री चीफ की पोस्ट पर खुद काबिज रहें और प्रेसिडेंट किसी और को बना दें, लेकिन ऐसा होगा नहीं। वजह यह है कि वो हर जगह दबदबा कायम रखना चाहते हैं।
- अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस खत्म होने के आखिरी दिन दुनिया को ऐसा कोई क्लू मिलेगा, जिससे अंदाजा लगाया जा सके कि जिनपिंग के बाद कौन सत्ता संभालेगा।
- चाइना की पॉलिसी मेकिंग और स्ट्रैटजी पर नजर रखने वाले ट्रे मैकअवर कहते हैं- मुझे नहीं लगता कि जिनपिंग लोगों की अटेंशन अपने अलावा किसी और की तरफ जाने देंगे। वैसे भी कोई दूसरा चेहरा नजर नहीं आता।