रूस-यृक्रेन जंग के बीच चीन ने ताइवान के खिलाफ अपना रूख आक्रामक कर लिया है। ताइवान पर दोबारा अपनी सत्ता काबिज करने के लिए बौखलाए चीन ने फिर उसकी सीमा में घुसपैठ की है। चीन ने ताइवान के AIDZ (एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन) में 18 लड़ाकू विमान भेजे।
यह पिछले कुछ महीनों में की गई चीन की यह तीसरी सबसे बड़ी घुसपैठ है। ताइवान सरकार ने हमले की आशंका से चीन के फाइटर प्लेन को ट्रैक करने के लिए मिसाइलें तैनात कर दी हैं। हालांकि, चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
ताइवान ने चीनी विमानों को खदेड़ा
ताइपे डिफेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि चीनी घुसपैठ की जानकारी मिलने के बाद वायु सेना ने चेतावनी सिग्नल भेजे और जेट को ट्रैक करने के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल किया। इसके बाद ताइवान के वायु सेना ने चीनी विमानों का पीछा किया और उन्हें वहां से भागने पर मजबूर किया।
इन विमानों ने ताइवान की सीमा में भरी उड़ान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ताइवान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी विमानों में छह J-11 फाइटर जेट, छह J-16 लड़ाकू जेट दो Xi'an H-6 बॉम्बर, दो KJ-500, एक शानक्सी Y-8 कंट्रोलर विमान और एक शानक्सी Y-8 विमान शामिल था। डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, शानक्सी Y-8 विमान और दो शीआन H-6 बॉम्बर विमानों ने ताइवान के ADIZ साउथ-वेस्ट और साउथ-ईस्ट में उड़ान भरी।
ताइवान ने चीनी घुसपैठ का किया दावा
दरअसल, ताइवान ने पिछले शुक्रवार को दावा किया कि चीन लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। ताइवान सरकार के मुताबिक, चीन के 18 फाइटर विमान और बॉम्बर ने उनके क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की। ताइवान के इस दावे के बाद दोनों देशों के बीच टेंशन और बढ़ गया है।
पिछले 8 महीनों में चीन की तीसरी बड़ी कार्रवाई
यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने ताइवान की सीमा में फाइटर प्लेन भेजे हैं। चीनी पायलट पिछले डेढ़ साल से आए दिन ताइवान की ओर उड़ान भर रहे हैं। अक्टूबर 2021 में एक ही दिन में 56 फाइटर प्लेन ताइवान की सीमा में पहुंचे थे।
ताइवान ने चीन की ओर से की जा रही घुसपैठ को लेकर सितंबर 2020 से नियमित आंकड़े जारी करना शुरू किया था। अक्टूबर में रिकॉर्ड 196 घुसपैठ दर्ज की गई थीं। इनमें से चीन के 149 लड़ाकू विमान सिर्फ चार दिन के भीतर भेजे गए थे। उस वक्त चीन अपना सालाना राष्ट्रीय दिवस मना रहा था। इसी बहाने उसने ताइवान को अपनी ताकत दिखाई थी।
चीन हमेशा करता है घुसपैठ
आम तौर पर ये उड़ानें ताइवान के दक्षिण-पश्चिम में हवाई क्षेत्र में होती हैं। इसे AIDZ (एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन) कहते हैं। 1949 में गृहयुद्ध के दौरान ताइवान और चीन अलग हो गए थे, लेकिन चीन इस द्वीप पर अपना दावा करता रहा है। नतीजतन बीजिंग ताइवान सरकार की हर कार्रवाई का विरोध करता है। ताइवान को अलग-थलग करने और डराने के लिए राजनयिक और सैन्य ताकत का इस्तेमाल करता रहता है।
2016 में ताइवान के नागरिकों द्वारा साई इंग वेन को राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से यह तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। साई के विचार चीन के पक्ष में थे और उन्होंने इस दावे का समर्थन किया था कि दोनों एक ही चीनी राष्ट्र का हिस्सा हैं। बाद में उनके ख्याल बदल गए। इससे चीन नाराज हो गया। बीजिंग ने ताइवान सरकार के साथ हर तरह का संपर्क तोड़ लिया था।
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