अमेरिका के मोंटाना शहर में चीन का संदिग्ध जासूसी बैलून देखा गया। यहां एयरफोर्स का स्पेशल बेस है, जहां से इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल ऑपरेट की जाती है। पूरे अमेरिका में ऐसे तीन ही एयरबेस हैं। इस घटना के बाद अमेरिका और चीन में तनाव बहुत तेजी से बढ़ा। हालांकि, चीन ने माफी मांग ली है, लेकिन अमेरिकी सरकार का रुख सख्त हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर ने अगले हफ्ते होने वाला चीन दौरा रद्द कर दिया है। एक अमेरिकी अफसर ने कहा- बीजिंग कहता है कि यह सिविल बैलून था। अगर ऐसा है तो यह 6 हजार किलोमीटर दूर मोंटाना तक कैसे और क्यों पहुंचा। पेंटागन ने कहा- इसे अमेरिका में निगरानी के लिए भेजा गया था।
अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि बैलून कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर और आउटर स्पेस के नीचे उड़ रहा था। शुक्रवार देर शाम, चीन ने इस घटना पर बयान जारी किया। कहा- यह बात सही है कि हमारा बैलून अमेरिकी एयरबेस के ऊपर चला गया था। यह एक सिविल यूज बैलून था। गलती हुई है और इसका हमें अफसोस है।
चीन ने मोबाइल टॉवर पर डिवाइस लगाकर जासूसी की
चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। इनसे मिडवेस्ट के सैन्य ठिकानों की जासूसी की जा सकती थी। ये डिवाइस ओबामा के दौर में लगने शुरू हो गए थे।
चीन ने अमेरिका के ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। जैसे ही चीन इन्हें सैन्य ठिकानों की ओर बढ़ाने लगा, खुफिया एजेंसियों की इस पर नजर गई। उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई की। अमेरिकी संसद ने ग्रामीण इलाकों से उपकरण हटाने के लिए 2020 में 15 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए थे।
कनाडा से होते हुए अमेरिका आया बैलून
पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि बैलून पिछले कुछ दिन पहले चीन से अलास्का के पास अलेउतियन आईलैंड आया था। यहां से नॉर्थ वेस्ट कनाडा होते हुए ये मोंटाना शहर पहुंचा। इसको लेकर कनाडा सरकार का कहना है कि वो बैलून की मूवमेंट को ट्रैक कर रही है।
बैलून से मिलिट्री या फिजिकल खतरा नहीं
डिफेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि ये बैलून ज्यादा समय तक देश में रह सकता है। हालांकि, इससे किसी तरह का मिलिट्री या फिजिकल खतरा नहीं है। इसका एक्सेस भी लिमिटिड है, तो इससे खुफिया जानकारी भी इकट्ठा नहीं की जा सकेगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पेंटागन को नहीं लगता कि चीन सैटेलाइट इमेजरी के जरिए जो कुछ हासिल कर सकता है, उसकी तुलना में इस बैलून से उसे कुछ भी हासिल होगा।
अमेरिका ने फिलहाल बैलून को तबाह नहीं किया है
पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा- बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर है इसलिए फिलहाल हमने बैलून को तबाह करने या इसे नीचे गिराने का फैसला नहीं लिया है। ऐसा करने से लोगों को नुकसान पहुंच सकता है।
पगोडा से जासूसी करना चाहता था चीन
ये पहली बार नहीं है जब चीन ने अमेरिका की जासूसी करनी चाही हो। इसके पहले चीन व्हाइट हाउस के पास एक बगीचा विकसित कर उसमें पगोडा (मठ या गुंबद) बनाकर जासूसी करना चाह रहा था। ये पगोडा व्हाइट हाउस समेत अन्य सरकारी भवनों से 8 किलोमीटर दूर था। इसकी ऊंचाई की वजह से दूर तक नजर रखना चाहता था। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने वक्त रहते उसे रोक दिया था।
ये खबर पढ़ें...
US-ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने पहली बार एक साथ चेताया, FBI और MI5 चीफ बोले- पश्चिम के लिए सबसे बड़ा खतरा है चीन
अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी FBI और MI5 के चीफ्स ने चीन को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के लिए चीन लंबे समय के लिए सबसे बड़ा खतरा है। चीन हमारी गोपनीय चीजों को लूटने की योजना बना रहा है और तकनीक की चोरी करना चाहता है। पढ़ें पूरी खबर...
तवांग झड़प के बाद चीन ने तैनात किए एयरक्राफ्ट, मिलिट्री बेस की सैटेलाइट इमेज सामने आईं; 10 फाइटर जेट्स और 7 ड्रोन दिखे
अरुणाचल के तवांग में 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प के दो दिन बाद चीन ने अपने शिगात्से पीस एयरपोर्ट पर 10 एयरक्राफ्ट तैनात किए थे। इसका खुलासा सैटेलाइट इमेज में हुआ है। ये इमेज मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने जारी की हैं। इसके मुताबिक भारत-चीन बॉर्डर यानी LAC से करीब 155 किलोमीटर दूर चीन की मिलिट्री एक्टिविटीज देखी गईं। पढ़ें पूरी खबर...
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.