US एयरबेस के ऊपर दिखा चीनी बैलून:पेंटागन का दावा- जासूसी के लिए भेजा, ब्लिंकन की बीजिंग दौरा रद्द; चीन बोला- गलती हो गई

वॉशिंगटन4 महीने पहले
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ये मोंटाना में दिखे चीनी स्पाई बैलून की तस्वीर है। - Dainik Bhaskar
ये मोंटाना में दिखे चीनी स्पाई बैलून की तस्वीर है।

अमेरिका के मोंटाना शहर में चीन का संदिग्ध जासूसी बैलून देखा गया। यहां एयरफोर्स का स्पेशल बेस है, जहां से इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल ऑपरेट की जाती है। पूरे अमेरिका में ऐसे तीन ही एयरबेस हैं। इस घटना के बाद अमेरिका और चीन में तनाव बहुत तेजी से बढ़ा। हालांकि, चीन ने माफी मांग ली है, लेकिन अमेरिकी सरकार का रुख सख्त हो गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर ने अगले हफ्ते होने वाला चीन दौरा रद्द कर दिया है। एक अमेरिकी अफसर ने कहा- बीजिंग कहता है कि यह सिविल बैलून था। अगर ऐसा है तो यह 6 हजार किलोमीटर दूर मोंटाना तक कैसे और क्यों पहुंचा। पेंटागन ने कहा- इसे अमेरिका में निगरानी के लिए भेजा गया था।

अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि बैलून कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर और आउटर स्पेस के नीचे उड़ रहा था। शुक्रवार देर शाम, चीन ने इस घटना पर बयान जारी किया। कहा- यह बात सही है कि हमारा बैलून अमेरिकी एयरबेस के ऊपर चला गया था। यह एक सिविल यूज बैलून था। गलती हुई है और इसका हमें अफसोस है।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस बैलून से उनकी मिलिट्री को खतरा नहीं है।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस बैलून से उनकी मिलिट्री को खतरा नहीं है।

चीन ने मोबाइल टॉवर पर डिवाइस लगाकर जासूसी की
चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। इनसे मिडवेस्ट के सैन्य ठिकानों की जासूसी की जा सकती थी। ये डिवाइस ओबामा के दौर में लगने शुरू हो गए थे।

चीन ने अमेरिका के ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। जैसे ही चीन इन्हें सैन्य ठिकानों की ओर बढ़ाने लगा, खुफिया एजेंसियों की इस पर नजर गई। उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई की। अमेरिकी संसद ने ग्रामीण इलाकों से उपकरण हटाने के लिए 2020 में 15 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए थे।

सोशल मीडिया पर चीन के स्पाई बैलून की ये तस्वीर वायरल हो रही है।
सोशल मीडिया पर चीन के स्पाई बैलून की ये तस्वीर वायरल हो रही है।

कनाडा से होते हुए अमेरिका आया बैलून
पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि बैलून पिछले कुछ दिन पहले चीन से अलास्का के पास अलेउतियन आईलैंड आया था। यहां से नॉर्थ वेस्ट कनाडा होते हुए ये मोंटाना शहर पहुंचा। इसको लेकर कनाडा सरकार का कहना है कि वो बैलून की मूवमेंट को ट्रैक कर रही है।

बैलून से मिलिट्री या फिजिकल खतरा नहीं
डिफेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि ये बैलून ज्यादा समय तक देश में रह सकता है। हालांकि, इससे किसी तरह का मिलिट्री या फिजिकल खतरा नहीं है। इसका एक्सेस भी लिमिटिड है, तो इससे खुफिया जानकारी भी इकट्ठा नहीं की जा सकेगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पेंटागन को नहीं लगता कि चीन सैटेलाइट इमेजरी के जरिए जो कुछ हासिल कर सकता है, उसकी तुलना में इस बैलून से उसे कुछ भी हासिल होगा।

अमेरिका ने फिलहाल बैलून को तबाह नहीं किया है
पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा- बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर है इसलिए फिलहाल हमने बैलून को तबाह करने या इसे नीचे गिराने का फैसला नहीं लिया है। ऐसा करने से लोगों को नुकसान पहुंच सकता है।

पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा कि बैलून दिखने के बाद अधिकारियों ने डेटा प्रोटेक्ट करने के लिए तुरंत कार्रवाई की।
पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा कि बैलून दिखने के बाद अधिकारियों ने डेटा प्रोटेक्ट करने के लिए तुरंत कार्रवाई की।

पगोडा से जासूसी करना चाहता था चीन
ये पहली बार नहीं है जब चीन ने अमेरिका की जासूसी करनी चाही हो। इसके पहले चीन व्हाइट हाउस के पास एक बगीचा विकसित कर उसमें पगोडा (मठ या गुंबद) बनाकर जासूसी करना चाह रहा था। ये पगोडा व्हाइट हाउस समेत अन्य सरकारी भवनों से 8 किलोमीटर दूर था। इसकी ऊंचाई की वजह से दूर तक नजर रखना चाहता था। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने वक्त रहते उसे रोक दिया था।

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