कनाडा में 70 साल की एक महिला को जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज से पीड़ित पहला मरीज माना जा रहा है। इन गर्मियों में महिला को सांस लेन में दिक्कत और लू का सामना करना पड़ा। ऐसा भी पहली बार हुआ कि डॉक्टर्स को इस मरीज की ‘डायग्नोसिस डिटेल्स’ में क्लाइमेट चेंज शब्द का इस्तेमाल करना पड़ा। माना जा रहा है कि जून में कनाडा में सिर्फ गर्मी और लू की वजह से करीब 500 लोगों ने दम तोड़ा। पिछले दिनों ग्लास्गो में हुए COP-26 क्लाइमेट समिट में भी ग्लोबल टेम्परेचर और एक्सट्रीम हीट वेब्स का मामला उठा था।
एयर क्वॉलिटी बेहद खराब
कनाडा की इस महिला का नाम अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। अमेरिकी अखबार ‘द हिल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला के बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि उसकी बीमारी की वजह जलवायु परिवर्तन से पैदा हुए हालात हैं।
ब्रिटिश कोलंबिया के नेल्सन में इमरजेंसी रूम डॉक्टर काएल मेरिट ने इस महिला का इलाज किया और अपनी डायग्नोसिस डिटेल्स में साफ तौर पर लिखा- 10 साल में यह पहला मौका है, जब मुझे लगा कि इस मरीज की परेशानी और बीमारी की वजह क्लाइमेट चेंज है।
हालात बिगड़ते जाएंगे
मेरिट ने आगे कहा- अगर हम सिर्फ सिम्प्टम्स यानी लक्षणों के आधार पर ही इलाज करते रहे और बीमारी के कारण या तह तक नहीं गए तो इससे हालात बिगड़ते जाएंगे। यकीन जानिए हम इस मामले में पिछड़ते जाएंगे।
मेरिट के मुताबिक, मरीज की इस बीमारी के बारे में पता जून में ही चल सका। उस वक्त लू चल रही थी और टेम्परेचर 121 फारेनहाइट हो गया था। देश में हालात इस हद तक खराब हो गए थे कि अकेले ब्रिटिश कोलंबिया में ही पांच सौ लोगों की मौत हो गई। हवा की गुणवत्ता सामान्य की तुलना में 53 गुना तक खराब हो गई थी।
डायबिटीज भी
मेरिट कहते हैं- महिला के साथ एक और दिक्कत यह थी कि उसे डायबिटीज थी। वो एक ट्रालर में रहती थी और उसको हार्ट प्रॉब्लम भी थी। जहां वो रहती थी वहां एसी नहीं था। उसको हाइड्रेट रखना भी मुश्किल हो रहा था।
नेल्सन में इस मामले के सामने आने के बाद डॉक्टर्स और नर्सेज ने प्लेनेटरी हेल्थ नामक संगठन तैयार किया। इसमें फिलहाल 40 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं। इस ग्रुप ने अपना ट्विटर पेज भी तैयार किया है। डॉक्टर मेरिट कहते हैं- मुझे नहीं लगता कि लोगों ने पर्यावरण को हो रहे नुकसान या इसमें तेजी से आ रही गिरावट को लेकर गंभीरता दिखाई है। मैंने इस मरीज का इलाज किया है, इसलिए मैं कह सकता हूं कि क्लाइमेट चेंज के क्या असर हो सकते हैं।
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