ग्लोबल वॉर्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया की 6 दिग्गज कंपनियों ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। इन कंपनियों ने यह फैसला ब्रिटेन के ग्लास्गो में चल रही COP26 की मीटिंग में लिया है। इस फैसले को ग्लोबल वार्मिंग कम करने में एक सार्थक पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
समिट में 2040 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री धीरे-धीरे खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया था। फोर्ड, मर्सिडीज-बेंज, जनरल मोटर्स और वोल्वो सहित गाड़ी बनाने वाली करीब 6 बड़ी कंपनियां इस पर सहमत हो गईं। 31 देशों की सरकारों ने भी ऐसी कारों की बिक्री धीरे-धीरे बंद करने का ऐलान किया। हालांकि, टोयोटा, वोक्सवैगन और निसान-रेनो जैसी कई बड़ी कार निर्माता कंपनियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।
ग्लास्गो में शुक्रवार को खत्म होगी समिट
पर्यावरण बचाने के लिए पिछले 2 सप्ताह से ग्लास्गो में चल रही COP26 समिट शुक्रवार को खत्म हो जाएगी। इससे पहले बुधवार को जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने एक ड्राफ्ट जारी किया है। इसमें सभी देशों से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य पर फिर से विचार करने की अपील की गई है।
जारी किए गए दस्तावेज एग्रीमेंट की एक शुरुआती रूपरेखा है। ग्लोबल क्लाइमेट समिट के बाद करीब 200 देशों के बीच इस पर करार होना है। शुक्रवार को समिट खत्म हो रही है।
कड़े लक्ष्य तय करने चाहिए
एजेंसी ने कहा कि देशों को ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए कड़े लक्ष्य तय करने चाहिए। जनता को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे कोयला, तेल और गैस के प्रोडक्ट का इस्तेमाल कम से कम करें। इन पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करनी चाहिए।
समिट में उस पुराने लक्ष्य के में भी बात की गई जो 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फारेनहाइट) तापमान कम करने के लिए तय किया गया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक हीट वेव्स बढ़ने से जंगलों में आगजनी, बाढ़ और सूखा जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। पहले ही पृथ्वी का तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा बढ़ चुका है।
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