मिस्र में आज से COP27 क्लाइमेट समिट:गुटेरेस बोले- क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती, विकसित और पिछड़े देशों को साथ आना होगा

कायरो7 महीने पहले
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COP27 क्लाइमेट समिट आज से मिस्र में शुरू हो रहा है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत वर्ल्ड लीडर्स शामिल होंगे। मिस्र के शर्म अल-शेख शहर में 6 नवंबर से 18 नवंबर तक होने वाली इस बैठक में भारत से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव शामिल हो रहे हैं।

बैठक में दुनियाभर के नेता क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) और इसके समाधान के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। पिछले कुछ सालों में क्लाइमेट चेंज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इस बैठक का फोकस क्लाइमेट फाइनेंस यानी क्लाइमेट चेंज से निपटने आर्थिक मदद देने पर होगा।

दुनिया तबाही की ओर जा रही है : एंतोनियो गुटेरेस बैठक से पहले UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- विकसित देशों और गरीब देशों के बीच का अंतर COP27 का सबसे बड़ा मुद्दा है। विकसित देशों को क्लाइमेट चेंज पर डेवलपिंग कंट्रीज के साथ ऐतिहासिक समझौते पर साइन करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो दुनिया बर्बाद हो जाएगी। दरअसल, इस समझौते के तहत ये फैसला लिया गया था कि क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए विकसित देश हर साल 100 बिलियन डॉलर का फंड गरीब देशों को देंगे।

गुतारेज ने कहा- जिस तरह दुनिया के कई देश ज्यादा गर्मी, भारी बारिश और बाढ़ से त्रस्त हैं अगर अमीर और गरीब देशों के बीच का अंतर कम नहीं हुआ तो तबाही आ जाएगी।
गुतारेज ने कहा- जिस तरह दुनिया के कई देश ज्यादा गर्मी, भारी बारिश और बाढ़ से त्रस्त हैं अगर अमीर और गरीब देशों के बीच का अंतर कम नहीं हुआ तो तबाही आ जाएगी।

भारत विकसित देशों से मदद मांगेगा : भूपेंद्र यादव
जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भारत विकसित देशों से मदद मांगेगा। COP27 की बैठक से पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा- भारत विकसित देशों से डेवलपिंग कंट्रीज के लिए फाइनेंस और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मांग भी करेगा ताकि इन देशों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सके।

COP पर दुनिया की नजर, इसकी वजह
2022 में इंग्लैंड और पूरे यूरोप में लोग गर्मी से बेहाल रहे। पाकिस्तान में भारी बारिश से बाढ़ आ गई। भारत में पहले हीटवेव से फसलों को नुकसान हुआ। अमेरिका में भी भीषण गर्मी से जंगलों में आग लगी गई, दूसरी तरफ बारिश से बाढ़ आ गई। माना जा रहा है इस सबके पीछे जलवायु परिवर्तन है।

मिस्र में ही क्यों हो रही COP27 समिट?
जलवायु परिवर्तन के लिहाज से अफ्रीका दुनिया के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वी अफ्रीका में सूखे की वजह से 1.7 करोड़ लोग खाद्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में किसी अफ्रीकी देश में क्लाइमेट चेंज समिट होने से क्लाइमेट चेंज के प्रभावों की तरफ दुनिया का ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। ये 5वीं बार है जब अफ्रीका के किसी देश में जलवायु सम्मेलन हो रहा है।