अमेरिका में पुलिसकर्मियों ने अश्वेत महिला को पीटा, VIDEO:चेहरे पर पंच मारे, हथकड़ी लगाई; सेंडविच में एक्स्ट्रा चीज न दे ने पर बहस हुई थी

न्यूयॉर्क4 महीने पहले
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सोशल मीडिया पर महिला को मारने वाला ये वीडियो वायरल हो रहा है। - Dainik Bhaskar
सोशल मीडिया पर महिला को मारने वाला ये वीडियो वायरल हो रहा है।

अमेरिका के पेंसिलवेनिया में 2 श्वेत पुलिसवालों ने एक अश्वेत महिला के साथ मारपीट की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये पूरा विवाद सैंडविच में एक्स्ट्रा चीज नहीं दिए जाने से शुरू हुआ।

घटना 16 जनवरी को पेंसिलवेनिया के बटलर काउंटी में हुई। वीडियो अब वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले तो पुलिसकर्मी महिला को खींचते हैं। महिला इसका विरोध करती है और उन पर चिल्लाती है, इसके बाद एक पुलिसकर्मी महिला को पकड़ता है और दूसरा गुस्से में आकर उसके चेहरे पर कई घूंसे मारता है। इस मामले में जांच की जा रही है।

इस तस्वीर में पुलिसवालों को महिला को खींचते हुए देखा जा सकता है।
इस तस्वीर में पुलिसवालों को महिला को खींचते हुए देखा जा सकता है।
इस तस्वीर में महिला पुलिसवालों पर चिल्लाती हुई नजर आ रही है। बाएं तरफ खड़े पुलिस ऑफिसर टिम जेलर्स के हाथ में टेजर गन (करंट मारने वाली गन) भी दिख रही है।
इस तस्वीर में महिला पुलिसवालों पर चिल्लाती हुई नजर आ रही है। बाएं तरफ खड़े पुलिस ऑफिसर टिम जेलर्स के हाथ में टेजर गन (करंट मारने वाली गन) भी दिख रही है।
महिला के विरोध करने के बाद उसके दाएं तरफ खड़ा पुलिस ऑफिसर टॉड स्टेनली उसे मारने लगता है।
महिला के विरोध करने के बाद उसके दाएं तरफ खड़ा पुलिस ऑफिसर टॉड स्टेनली उसे मारने लगता है।
इस तस्वीर में पुलिसवाले महिला को हथकड़ी लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस तस्वीर में पुलिसवाले महिला को हथकड़ी लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

मैकडॉनल्ड्स के स्टाफ में पुलिस को बुलाया
पीड़ित महिला का नाम लतिन्का हैनकॉक है। लतिन्का ने बताया कि वो सैंडविच खाने मैकडॉनल्ड्स गई थी। यहां एक्सट्रा चीज न दिए जाने पर एक वर्कर के साथ उसकी बहस हो गई। जिसके बाद स्टाफ ने पुलिस को बुला लिया। लतिन्का भी मैकडॉनल्ड्स के बाहर खड़े होकर पुलिस के आने का इंतजार करने लगी। उसने कहा कि मैं पुलिस से शिकायत करने के लिए वहां रुकी थी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी।

मैं बस इतना चाहती थी कि वो मुझे जमीन पर न गिराएं : हैनकॉक
पीड़िता लतिन्का हैनकॉक ने कहा- जब पुलिस आई तो मैं डर गई। मैं बस इतना चाहती थी कि वो मुझे जमीन पर न गिराएं। इसलिए मैं चुपचाप सीधी खड़ी रही। लेकिन वो मुझे खींचने लगे। मैं चाहती थी कि पुलिस जल्द से जल्द चली जाए।

ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी पुलिस ने किसी अश्वेत के साथ मारपीट की हो। 2020 में पुलिस ने जॉर्ज फ्लोयड को जमीन पर गिरा दिया था और उसकी गर्दन पर घुटना रख दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। 13 जनवरी को भी पुलिस ने एक अश्वेत व्यक्ति को जमीन पर गिराकर टेजर गन से हमला किया था। इसके 4.5 घंटे बाद व्यक्ति को हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई थी।

13 जनवरी को पुलिस अश्वेत कीनन एंडरसन को गिरफ्तार करने पहुंची थी। गिरफ्तारी का विरोध करने पर पुलिस ने उस पर टेजर गन (करंट मारने वाले गन) से हमला कर दिया था।
13 जनवरी को पुलिस अश्वेत कीनन एंडरसन को गिरफ्तार करने पहुंची थी। गिरफ्तारी का विरोध करने पर पुलिस ने उस पर टेजर गन (करंट मारने वाले गन) से हमला कर दिया था।
इस तस्वीर में एक पुलिस अधिकारी जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन पर घुटना रखकर बैठा हुआ दिख रहा है। दोषी पुलिसकर्मी डेरेक शॉविन को 22 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई।
इस तस्वीर में एक पुलिस अधिकारी जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन पर घुटना रखकर बैठा हुआ दिख रहा है। दोषी पुलिसकर्मी डेरेक शॉविन को 22 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई।

अमेरिका में बढ़ रहा नस्लभेद
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि अमेरिका में सिर्फ अश्वेत ही मारे जाते हैं। श्वेत भी मारे जाते हैं, लेकिन ‘द इकोनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट में आंकड़ों के हवाले से बताया गया था- पुलिस के हाथों मारे जाने वाले श्वेतों की तुलना में अश्वेतों की संख्या 3 गुना ज्यादा है। अफसरों को सजा भी नहीं मिलती। US की जेलों में 33% कैदी अश्वेत हैं।

US में रंगभेद के इतिहास 250-300 साल पुराना

  • जब यूरोप के श्वेत आप्रवासियों ने अमेरिका में बसना शुरू किया तो वे अफ्रीका से हजारों-लाखों अश्वेतों को गुलाम बनाकर वहां ले गए। वे मजदूर नहीं, गुलाम थे। इन अश्वेत गुलामों के लिए घर, भोजन, कपड़ा, शिक्षा, दवा और सुरक्षा, कुछ भी ठीक नहीं था। इन्हें जानवरों की तरह खरीदा और बेचा जाता था।
  • 1790 में अमेरिकी जनसंख्या में अश्वेतों की संख्या 19.3% थी, लेकिन उनके नागरिक अधिकार 1 प्रतिशत भी नहीं थे। न उन्हें वोट देने का अधिकार था, न अदालतों से न्याय पाने का और न ही इलाज करवाने का।
  • यदि कोई गोरा उनकी किसी बात से नाराज हो जाए तो अश्वेतों को पकड़कर जिंदा जला देते थे, पेड़ों पर लटकाकर फांसी दे दी जाती थी या कुंओं में धक्का दे देते थे। इसके बावजूद अमेरिका का दावा रहा है कि वह दुनिया का सबसे समतामूलक, स्वतंत्रतामूलक और न्यायमूलक राष्ट्र है।

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