ताकतवर देश चीन के अड़ियल रुख के सामने छोटे से देश ताइवान की महिला राष्ट्रपति साई इंग-वेन डटी हुई हैं। चीन के फाइटर जेट्स ने सोमवार को जब सीमा में घुसपैठ की कोशिश की तो ताइवान का एयर डिफेंस सिस्टम अलर्ट हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पहले एक फाइटर जेट ताइवान की एयर डिफेंस जोन में भेजा, उसके कुछ देर बाद कई जेट्स की घुसपैठ कराई। हालांकि, ताइवान की एयरफोर्स भी इस दौरान अलर्ट पर थी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने चीन की ओर से लगातार बढ़ते सैन्य और कूटनीतिक दबाव के बीच अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है। अपने नए साल के संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा, "लोकतंत्र और स्वतंत्रता कोई अपराध नहीं है, और ताइवान हांगकांग को सपोर्ट करता रहेगा। अपनी चिंता दिखाने के अलावा, हम अपनी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता को संजोकर रखेंगे और लोकतंत्र और भी मजबूत बनाएंगे।"
हमें कम आंकने की गलती न करे चीन
ताइवान की राष्ट्रपति ने नए साल के अपने संदेश में चीन को लेकर कहा कि चीन अथॉरिटी को हमें गलत जज करने की भूल नहीं करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य युद्ध से कोई समाधान नहीं निकलेगा। ऐसे में मीलेट्री एडवंचरिज्म से चीन को बाज आना चाहिए। हम एक स्वतंत्र देश हैं और हम अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हर कीमत पर प्रयास करेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा, "हम ताइवान को और बेहतर बनाएंगे और दुनिया को दिखाएंगे कि लोकतांत्रिक ताइवान में सत्तावादी चीन की छाया से बाहर निकलने का साहस है और हम दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।"
बता दें कि दशकों के अलग शासन के बाद भी चीन ताइवान को एक अलग प्रांत मानता रहा है। ताइवान ने अमेरिका सहित अन्य लोकतंत्रिक देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है। चीन ताइवान को युद्ध की धमकी भी देता रहा है।
अब तक 83 चीनी एयरक्राफ्ट ताइवान में घुसे
ताइवान न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, उसने चीनी फाइटर जेट्स से निपटने के लिए अपना एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एक्टिव कर दिया है। दिसंबर से अब तक 83 चीनी एयरक्राफ्ट ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुस चुके हैं। इनमें 46 फाइटर जेट्स, 2 बॉम्बर और 35 स्पॉटर एयरक्राफ्ट्स हैं। अमेरिका ने पिछले दिनों एक बयान में साफ कर दिया था कि अगर चीन ने ताइवान पर हमले की कोशिश की तो अमेरिका और नाटो उसकी मदद करने में देर नहीं लगाएंगे। चीन ने इसके जवाब में कहा था- हमारी बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन को सिर्फ इतनी सलाह है कि वो आग से खेलने की कोशिश न करें। चीन की ओर से लगातार बढ़ते सैन्य और कूटनीतिक दबाव के बीच, ताइवान की राष्ट्रपति ने दुनिया से जुड़ने के लिए अपनी स्वतंत्रता, लोकतंत्र और आम सहमति को बनाए रखने की चुनौती पर फोकस कर रही हैं। उन्होंने "वैश्विक रिश्तों, आर्थिक गति को बनाए रखना, हमारे सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना और हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करना 2022 में स्थिर शासन के लिए हमारी योजना के चार स्तंभ हैं।"
ताइवान एक संप्रभु देश
साई इंग-वेन ताइवान को एक संप्रभु देश के तौर पर देखती हैं। उनका मानना है कि ताइवान 'वन चाइना' का हिस्सा नहीं है। चीन उनके इस रवैये को लेकर नाराज रहता है। वर्ष 2016 में जब से वह सत्ता में आई हैं, चीन ताइवान से बातचीत करने से इनकार करता रहा है। चीन ने इस द्वीप पर आर्थिक, सैनिक और कूटनीतिक दबाव भी बढ़ा दिया है। चीन का मानना है कि ताइवान उसका क्षेत्र है। चीन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर ताकत के जोर उस पर कब्जा किया जा सकता है।
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