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स्वीडन के 130 साल पुराने किरुना टाउन के लिए वरदान ही अभिशाप बन गया है। इसके चलते यहां के 300 घरों को तीन किमी दूर शिफ्ट करना पड़ रहा है। दरअसल, किरुना टाउन दुनिया में माइनिंग सिटी के नाम से मशहूर है। इसके नीचे लौह अयस्क की मात्रा काफी अधिक है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन खदानों से एक दिन में 6 एफिल टावर की कीमत के बराबर लौह अयस्क निकाला जाता है।
प्रकृति के इसी वरदान की वजह से माइनिंग कंपनियों ने यहां डेरा जमा रखा है। पिछले 100 साल में यहां इतनी खुदाई की जा चुकी है कि 20 हजार की आबादी वाला कस्बा धरती में समाने लगा है। इसे देखते हुए स्वीडन सरकार सभी घरों को शिफ्ट कर रही है, ताकि खदानों को भी बचाया जा सके। हालांकि, जो इमारतें शिफ्ट नहीं की जा सकतीं, सरकार उन्हें ध्वस्त कर उनके जैसी हूबहू इमारतें नए टाउन में बना रही है।
स्वीडन सरकार ने 2013 में घरों को शिफ्ट करने की बनाई थी योजना
स्वीडन सरकार ने 2013 में घरों को शिफ्ट करने की योजना बनाई थी। इसे 2017 में लागू किया जा सका। पिछले चार साल में करीब 20 फीसदी घर शिफ्ट किए जा चुके हैं। स्वीडन सरकार का दावा है कि आगामी 10 से 15 सालों में नया किरुना टाउन बनकर तैयार हो जाएगा।
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