जापान में 10 साल बाद फिर सुनामी ने दस्तक दी है। समुद्री तट से सटे मियागी प्रांत में शनिवार को 7.2 तीव्रता (मैग्नीट्यूड) के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके बाद समुद्र में करीब एक मीटर (3.2 फीट) ऊंची लहरें उठीं।
मियागी में जापान का एक न्यूक्लियर (परमाणु) पावर प्लांट भी है। हालांकि, भूकंप के बाद स्थानीय लोगों ने प्लांट सुरक्षित होने का दावा किया है। भूकंप का केंद्र उत्तर पूर्वी तट के पास 60 किलोमीटर गहराई में बताया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से ऊंची जगहों पर जाने के लिए कहा है। आसपास बने करीब 200 घरों की बिजली गुल है।
ईस्टर्न जापान रेलवे कंपनी ने भूकंप के बाद एक रूट पर बुलेट ट्रेन की सेवा रोक दी है। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद सतर्कता बरतते हुए टोहोकू शिंकानसेन बुलेट ट्रेन लाइन को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले जापान में 11 मार्च 2011 को सुनामी आई थी, जिसने काफी तबाही मचाई थी।
भूकंप से मियागी के कई इलाकों में नुकसान पहुंचा है। पिछले महीने भी जापान के पूर्वी समुद्री तट पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई थी।
भूकंप की वजह से फाइट रुकी
एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि भूकंप की वजह से जापान में चल रही फाइट को रोकना पड़ा।
5 मार्च को न्यूजीलैंड में आया था 8.1 तीव्रता का भूकंप
इससे पहले 5 मार्च को न्यूजीलैंड के उत्तरी-पूर्वी तट पर 8.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद इस इलाके में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था। भूकंप उत्तरी आइसलैंड के पास केरमाडेक द्वीप पर आया। जारी चेतावनी में कहा गया था कि तटवर्ती इलाकों के पास रहने वाले लोगों को तुरंत ऊंचाई वाले मैदानों में चले जाना चाहिए।
सुनामी क्या है?
समुद्र के भीतर जब तेज हलचल होती है तो इससे बहुत ऊंची लहरें उठने लगती हैं। ये लहरें जबर्दस्त आवेग के साथ आगे बढ़ती हैं। इन्हीं ऊंची लहरों को सुनामी कहते हैं। दरअसल सुनामी जापानी शब्द है जो सू और नामी से मिलकर बना है सू का अर्थ है समुद्र तट और नामी का अर्थ है लहरें।
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