यूरोपीय यूनियन (EU) की प्रेसिडेंड उर्सला वॉन डेर लिन एक अहम दौरे पर अमेरिका पहुंच चुकी हैं। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में उनकी मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगी।
EU चीफ और बाइडेन की यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। दरअसल, इसमें दो मुद्दों पर चर्चा होगी। पहला- क्लीन टेक्नोलॉजी पर सब्सिडी। दूसरा- यूक्रेन के हालात और उसको हथियार सप्लाई। इन दोनों मुद्दों पर अमेरिका और यूक्रेन के कई बयान अलग-अलग होते हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेता एक सॉलिड स्ट्रैटजी तैयार कर लेंगे।
क्लीन टेक्नोलॉजी का मकसद क्या
यूक्रेन और चीन भी एजेंडे पर
बाइडेन और लिन की मीटिंग में यूक्रेन और चीन का मुद्दा भी अहम होने वाला है। अमेरिका और EU दोनों ही यूक्रेन को फुल सपोर्ट देना चाहते हैं। दोनों ने ही रूस के खिलाफ काफी सख्त पाबंदियां लगाई हैं। दोनों के लिए सबसे बड़ी फिक्र यह है कि रूस पर इतनी पाबंदियों का कोई असर नहीं हुआ। इसका बड़ा सबूत यह है कि रूस के यूक्रेन पर हमले बदस्तूर जारी हैं।
दोनों नेता इस बात पर विचार करेंगे कि रूस के खिलाफ उठाए गए कदमों में आखिर कमी कहां रह गई, जिसकी वजह से मॉस्को को अब तक पीछे हटने पर मजबूर नहीं किया जा सका है।
दूसरा मुद्दा चीन का है। माना जा रहा है कि चीन हर तरीके से रूस की मदद कर रहा है। इसके अलावा उसकी कंपनियां अलग-अलग तरीकों से यूरोपीय देशों और अमेरिका में जासूसी कर रही हैं। इस मीटिंग में चीन पर भी सख्त पाबंदियां लगाने पर विचार किया जा सकता है। अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि अगर चीन ने रूस को हथियार दिए तो उसे इसका अंजाम भी भुगतना पड़ेगा।
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