कराची में अहमदिया समुदाय की मस्जिद में तोड़फोड़:पुलिस ने तहरीक-ए-लब्बैक के 5 समर्थकों को हिरासत में लिया, 3 महीनों में ये 5वां हमला

कराची4 महीने पहले
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अहमदिया समुदाय की मस्जिद पर पिछले 3 महीनों में ये पांचवा हमला है। - Dainik Bhaskar
अहमदिया समुदाय की मस्जिद पर पिछले 3 महीनों में ये पांचवा हमला है।

पाकिस्तान में गुरुवार को कराची के सदर में 10-15 लोगों ने अहमदिया समुदाय की मस्जिद में घुसकर तोड़फोड़ की। हमला करने वाले लोग सुन्नी समर्थक कट्टर इस्लामिक जमात तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के थे। तोड़फोड़ के दौरान हमलावरों ने अहमदिया समुदाय के विरोध में नारे भी लगाए, लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।

हालांकि, बाद में कराची पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए 5 संदिग्धों को हिरासत में किया है। पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है। अहमदिया समुदाय की मस्जिद पर पिछले 3 महीनों में ये पांचवा हमला है। इससे पहले कराची के ही जमशेद रोड स्थित अहमदी जमात खाते की मीनारें तोड़ दी गई थीं। घटना के बाद अहमदिया समुदाय के लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

तहरीक-ए-लब्बैक समर्थकों ने मस्जिद में तोड़फोड़ के दौरान अहमदिया समुदाय विरोधी नारे भी लगाए।
तहरीक-ए-लब्बैक समर्थकों ने मस्जिद में तोड़फोड़ के दौरान अहमदिया समुदाय विरोधी नारे भी लगाए।

1984 में छिनी थी अलग से इबादत की आजादी
40 लाख की आबादी वाले अहमदियाओं के साथ 70 के दशक से ही भेदभाव हो रहा है। 1984 में जनरल जियाउल हक ने अहमदियाओं को मुसलमानों के रूप में पहचानने के अधिकार और अलग से इबादत की आजादी छीन ली थी। तब से पाकिस्तान में उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक मानकर उनके साथ जुल्म किया जाता रहा है।

अहमदिया समुदाय के लोगों को पाकिस्तान में दूसरे दर्जे का नागरिक मानकर उन पर जुल्म किया जाता है।
अहमदिया समुदाय के लोगों को पाकिस्तान में दूसरे दर्जे का नागरिक मानकर उन पर जुल्म किया जाता है।

क्या है तहरीक-ए-लब्बैक?
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान की शुरुआत खादिम हुसैन रिजवी ने 2017 में की थी। खादिम हुसैन रिजवी धार्मिक विभाग के कर्मचारी थे और लाहौर की एक मस्जिद के मौलवी थे। 2011 में जब पंजाब पुलिस के गार्ड मुमताज कादरी ने गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी थी, तब उन्होंने मुमताज कादरी का खुलकर समर्थन किया। इसके बाद उन्हें पंजाब के धार्मिक विभाग की नौकरी से निकाल दिया गया।

2021 में पाकिस्तान ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पर आतंक-रोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया।