कैलिफॉर्निया. गूगल के कर्मचारी चीन के लिए सेंसर्ड सर्च इंजन बनाने के प्रोजेक्ट ड्रेगनफ्लाई के खिलाफ हड़ताल पर जा सकते हैं। कुछ एंप्लॉयी ने मिलकर स्ट्राइक फंड जुटाना शुरू कर दिया है। इस फंड से ड्रेगनफ्लाई के विरोध में काम का बहिष्कार करने या इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों की मदद की जाएगी।
1) गूगल पर आरोप: चीन के प्रोजेक्ट की जानकारी छिपाई
न्यूज वेबसाइट द इंटरसेप्ट ने अगस्त में पहली बार खुलासा किया था कि गूगल गुपचुप तरीके से ड्रेगनफ्लाई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। द इंटरसेप्ट ने गुरुवार को नई जानकारी दी। इसके मुताबिक ड्रेगनफ्लाई से जुड़े फैसलों में गूगल ने सिक्योरिटी और प्राइवेसी स्टाफ से राय नहीं ली। उनमें से कुछ लोगों को सीधे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में बुलाया गया।
द इंसरसेप्ट की रिपोर्ट के बाद गुरुवार को गूगल की कर्मचारी और एक्टिविस्ट लिज फॉन्ग जोन्स ने ट्वीट किया कि वो एक लाख डॉलर की डोनेशन जुटाएंगी। जोन्स ने बाद में दावा किया कि उनकी अपील के 3 घंटे में ही उन्हें 1.15 लाख डॉलर मिलने का भरोसा मिल गया।
जोन्स के मुताबिक गूगल के 19 मौजूदा और 2 पूर्व कर्मचारियों ने रकम देने का वादा किया। इनमें गूगल के रिसर्च और मशीन इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के पूर्व वैज्ञानिक जैक पॉलसन भी शामिल हैं। उन्होंने 10 हजार डॉलर देने की बात कही है। पॉलसन ने ड्रेगनफ्लाई के विरोध में इस साल अगस्त में इस्तीफा दे दिया था।
ड्रेगनफ्लाई के खिलाफ गूगल के कर्मचारियों का विरोध लगातार बढ़ रहा है। सैंकड़ों कर्मचारियों ने मंगलवार को मैनेजमेंट को खुला पत्र लिखकर प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं के बाद कंपनी के मूल्यों पर उन्हें भरोसा नहीं रहा।
चीन के लिए गूगल के ड्रेगनफ्लाई प्रोजेक्ट की मानवाधिकार संगठनों और अमेरिका के राजनीतिज्ञों ने निंदा की थी। क्योंकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेंसर्ड सर्च इंजन पर कुछ वेबसाइट्स और ह्यूमन राइट्स जैसे शब्द ब्लॉक रहेंगे।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई पारदर्शिता के मुद्दे पर जवाब देने के लिए 5 दिसंबर को अमेरिकी संसद में पेश हो सकते हैं। इस दौरान उनसे चीन को लेकर योजना के बारे में भी सवाल किया जा सकता है।
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