यूरोपीय देशों में हर 2 साल में बदल रही सरकार:चुनाव के अलावा गठबंधन से सरकारों में बदलाव हुए

2 महीने पहले
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लोगों में अधिकारों को लेकर बढ़ती जागरूकता और जनमत के दबाव का नतीजा है कि दुनिया में लोकतांत्रिक सरकारें और उनके नेता अब तेजी से बदल रहे हैं। यूरोप के ज्यादातर देशों में हर दो साल में सरकार बदल गई है। इसका कारण है लोग दो साल से ज्यादा समय तक एक सरकार नहीं चाहते हैं।

ब्रिटेन में 2022 में तीन प्रधानमंत्री बने। प्यू रिसर्च सेंटर की स्टडी में यह बात सामने आई है। इसमें दूसरे विश्व युद्ध के बाद से 2022 तक ब्रिटेन के साथ ही यूरोपियन यूनियन के 22 देशों में सरकार के औसत कार्यकाल का हिसाब लगाया गया। इसमें सामने आया कि ज्यादातर यूरोपीय देशों में दो साल में एक बार सरकार में बदलाव हो गया।

यहां एक साल भी नहीं चली सरकार
बेल्जियम, फिनलैंड और इटली में सबसे कम कार्यकाल वाली सरकारें रहीं। इन देशों में सरकारें औसतन एक साल भी नहीं चलीं। संविधान में तय कार्यकाल से बहुत कम समय तक सरकारें चल सकीं। वहीं लग्जमबर्ग में सरकार का औसत कार्यकाल सबसे ज्यादा साढ़े चार साल का रहा। हालांकि यह भी पांच साल के तय कार्यकाल से कम रहा है।

प्यू रिसर्च सेंटर की स्टडी के मुताबिक, जरूरी नहीं है कि बदलाव चुनाव से ही हों। पार्टियों के बीच गठबंधन से संसद में बहुमत जुटाकर भी सरकार में बदलाव हुए हैं। इसमें ब्रिटेन का उदाहरण दिया गया है जहां 2022 में बिना चुनाव दो नए प्रधानमंत्री बने। यूरोप के सभी देशो में यह हुआ है। बेल्जियम, एस्तोनिया, फिनलैंड, इटली, लातविया, पोलैंड और स्लोवेनिया में यह बहुत आम है। तय कार्यकाल के बीच कम से कम दो सरकारें इसी तरह से आई-गई हैं।

पार्टी नेताओं पर फोकस से कार्यकाल सिमटा
लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के प्रो. टिम बाले का कहना है कि पार्टी नेताओं पर ज्यादा फोकस एक प्रमुख कारण है जिससे अब पीएम का कार्यकाल लंबा नहीं रह गया है। मतदाताओं और पार्टी के लोग कुछ भी गलत होने पर नेता को जिम्मेदार ठहराते हैं। पहले राजनीति में वरीयता क्रम हुआ करता था। लेकिन अब सांसद इतनी जल्दी ऊपर जाने के लिए अधीर होते हैं, वे दबाव बनाते हैं जिसने संसदीय राजनीति को अस्थिर किया है।

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रो. पैट्रिक डनलिवी ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हैं जहां 12 साल में नौ प्रधानमंत्री हुए हैं। नेता गलत नीतियों पर ले जा रहा है, वादों को पूरा नहीं कर रहा है तो नेतृत्व में बिखराव आता है।

ब्रिटेन में अस्थिरता के पीछे ब्रेग्जिट की भूमिका
इंस्टीट्यूट फॉर गवर्मेंट के जिल रटर का कहना है कि 2016 में ब्रेग्जिट वोट ब्रिटेन की राजनीति में 6 साल के दौरान अस्थिरता का सबसे प्रमुख कारण रहा है। डेविड कैमरन के ब्रेग्जिट पर 2016 में जनमत संग्रह कराने के बाद से 6 साल में चार पीएम आए हैं।

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