अमेरिका के सिनसिनाटी के एक स्कूल में पढ़ने वाले 8 साल के गेब्रियल टाये को प्राइमरी स्कूल में एक साल तक बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। तीसरी क्लास के गेब्रियल का सपना सेना में जाने का था। वह नेकटाई पहनता था। कारसन एलीमेंट्री स्कूल के छात्र उसे बार-बार पीटते थे। उसकी नकल करते और हंसी उड़ाते थे।
छात्रों ने फर्श पर गिराकर पीटा
पुलिस ने दर्ज मुकदमे में कहा कि 24 जनवरी 2017 को एक छात्र ने उसे रेस्ट रूम के फर्श पर गिराकर बेहोश कर दिया था। वीडियो फुटेज में देखा गया कि गेब्रियल फर्श पर लगभग सात मिनट तक बेहोश पड़ा रहा। पास से गुजरने वाले छात्र उसे लात मारते रहे। घटना से अनजान उसकी मां ने उसे दो दिन बाद स्कूल भेज दिया। गेब्रियल को फिर प्रताड़ित किया गया। वह स्कूल से घर लौटा और अपनी एक नेकटाई से फांसी लगाकर जान दे दी।
4 साल बाद हर्जाना देने तैयार हुआ स्कूल
आत्महत्या के चार साल बाद सिनसिनाटी के सरकारी स्कूल ने गेब्रियल के परिवार को 21 करोड़ रुपए हर्जाना देने पर सहमति जताई। स्कूल ने छात्रों को प्रताड़ना से रोकने का मजबूत सिस्टम बनाने का वादा किया है। अब स्कूल में गेब्रियल का स्मारक भी बनया जाएगा।
स्कूल ने चीजें छिपाने की कोशिश की
पहली और दूसरी क्लास में रहते हुए गेब्रियल कई बार स्कूल से लौटा तो उसके शरीर में चोट लगी थी। उसके दो दांत भी टूट गए थे। स्कूल के अधिकारियों ने गेब्रियल की मां कार्नेलिया रेनाल्ड्स के बताया कि उसे मैदान में गिरने से चोट लगी है। तीसरी क्लास में स्थिति और अधिक खराब हो गई। रेनाल्ड्स को संदेह हुआ कि उनके बेटे को प्रताड़ित किया जा रहा है। गेब्रियल के साथ हुई मारपीट की घटनाओं को छिपाने की कोशिश की गई।
मां को नहीं दिखाए सीसीटीवी फुटेज
स्कूल में 31 कैमरे लगे हैं पर गेब्रियल की मां को घटना के फुटेज नहीं दिखाए गए थे। पुलिस के आरोप पत्र में बताया गया कि घटना के दिन गेब्रियल के बेहोश होने के बाद स्कूल नर्स ने उसकी मां को एक घंटे बाद सूचना दी। उन्हें बताया गया कि गेब्रियल बेहोश हो गया है। माता-पिता को रेस्ट रूम में हमले की जानकारी कई माह बाद मिली। इसके बाद उन्होंने जांच शुरू की। फिर, केंद्र सरकार के प्रोसीक्यूटर ने मामला हाथ में लिया।
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