बांग्लादेश में मंदिर टूटने की घटना के बाद गृहमंत्री असदुज्जमां खान बोले कि हिंदू हमारे देश में थे और आगे भी रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा इस्लाम आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने यह बात इंडिया टुडे को दिए बयान में कही हैं।
दरअसल, रविवार के दिन 14 हिंदू मंदिरों पर हमला कर 27 मूर्तियों को तोड़ दिया गया। घटना बलियाडांगी उपजिला के ठाकुरगांव में हुई। पिछले 5 महीनों में यह दूसरा ऐसा मामला है, जब पड़ोसी देश में इस तरह से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के पूजास्थल पर हमला हुआ है।
अब पढ़िए बांग्लादेश के गृहमंत्री ने मामले में क्या कहा?
सवाल: बांग्लादेश में 14 साल से सत्ता में रहने वाली आपकी पार्टी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखती है, लेकिन आतंकवाद का संकट बार-बार आपके सामने आता है। क्या इसका कोई समाधान है?
जवाब: आतंकवाद हमारी सरकार के खिलाफ रची गई साजिश है। मैं कहूंगा कि यह हमें शर्मिंदा करने के लिए इसे संरक्षण दिया जा रहा है। हमारे देश की जनता ने आतंकवाद को कभी पनाह नहीं दी। वे (आतंकवादी) इस्लाम के नाम पर जो स्थापित करना चाहते हैं, वह पूरी तरह गलत है। हमारा इस्लाम आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है। इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैलाने वालों से हमारी इस्लाम आधारित पार्टियां और आम लोग नफरत करते हैं। इस्लाम या किसी भी धर्म में लोगों की हत्या करने को नहीं कहा गया है। हर धर्म शांति से रहने की सीख देता है।
सवाल: बांग्लादेश में हिंदू केवल 8% हैं। तो क्या आपकी पार्टी हमेशा उन्हें हल्के में लेती है?
जवाब: हमारा देश कभी भी साम्प्रदायिकता का समर्थन या विश्वास नहीं करता है। हिन्दू समाज इस देश में था, है और आगे भी रहेगा। सरकार उन्हें बाहर करने के लिए कोई योजना नहीं बना रही है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी अवामी लीग हिंदू समुदाय से प्यार करती है और वे इस देश में आराम से रह सकते हैं। हमारी पार्टी यह नहीं मानती कि यहां केवल मुसलमान मजबूत होंगे या अन्य धर्म मजबूत नहीं होगा।
सवाल: विपक्ष आरोप लगाता है कि अवामी लीग सेक्युलर पार्टी नहीं है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
जवाब: यह एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट है और वे इसे बार-बार कहते हैं। भारत ने जिस तरह हमारी मदद की है, उसे अवामी लीग कभी नहीं भूलेगी। उन्होंने 1.2 करोड़ लोगों को आश्रय दिया। हम भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। भारत ने हमसे उल्फत के बारे में जानकारी मांगी तो हमने तुरंत दे दिया। भारत में हथियार से भरे 10 ट्रक भेजे जा रहे थे तो हमने बरामद किया। इसलिए विरोधियों की इन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
सवाल: आपके देश में अब भी मंदिरों पर हमले होते हैं। इस बार कई मंदिरों पर हमला किया गया। इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: हम 21 साल सत्ता में नहीं थे। इन 21 सालों में हमारे संस्कार खत्म हो गए हैं। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। हमारी सरकार ने इसे फिर से ठीक कर दिया है। हम एक गैर-सांप्रदायिक देश की है, जहां सभी के लिए आवास, सभी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी होगी। सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार होंगे, लेकिन कुछ संगठन बार-बार धार्मिक सद्भाव को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। मंदिर तोड़ने के मामले में हम उनकी पहचान करेंगे और जल्द ही उन्हें अरेस्ट कर लेंगे। हम हिंदू समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
14 मंदिरों में 27 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया
पुलिस के मुताबिक, बलियाडांगी उपजिला के ठाकुरगांव में मंदिर तोड़े गए। कुछ मंदिर बिल्कुल सड़क के किनारे थे, जिनकी हालत हमले के बाद से बहुत खराब हो चुकी है। घटना शनिवार रात और रविवार सुबह के बीच हुई है। एक अधिकारी बिपुल कुमार ने कहा कि हमने इलाके में रहने वाले हिंदूओं से न डरने को कहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं। अभी हालात कंट्रोल में हैं।
घटना के बाद लोगों में डर
इस पूरी घटना पर ठाकुरगांव के सुपरीटेंडेंट मोहम्मद जहांगीर हुसैन ने कहा कि हम घटना में शामिल आरोपियों की पहचान कर रहे हैं। जांच के बाद सच सामने आएगा। वहीं मंदिरों पर हुए हमले के बाद से लोगों में डर बन गया है।
सिंदूरपिंडी इलाके में रहने वाले काशीनाथ सिंह ने ढाका ट्रिब्यून को बताया कि हमले से पूरे इलाके में डर का माहौल बना हुआ है। आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए।
पिछले 5 महीनों मे यह दूसरा हमला
बांग्लादेश में पिछले 5 महीनों में ये हिन्दू मंदिरों पर हुआ दूसरा हमला है। 7 अक्टूबर 2022 को कट्टरपंथियों ने काली मंदिर में घुसकर मूर्तियां तोड़ डालीं थी। ये मंदिर ब्रिटिश काल के समय का था। घटना झेनैदाह जिले के दौतिया गांव में हुई थी ।आरोपियों ने मूर्ति का सिर मंदिर परिसर से लगभग आधा किलोमीटर दूर सड़क पर फेंक दिया और फरार हो गए थे।
बांग्लादेश में तेजी से घट रही हिंदुओं की आबादी
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