वॉशिंगटन. अमेरिकी गृह विभाग ने एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद 200 से ज्यादा भारतीय छात्रों को हिरासत में लिया। 8 रिक्रूटर्स को भी पकड़ा गया है। इसके अलावा 600 अन्य छात्रों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है। इन सभी पर इमिग्रेशन नियमों के उल्लंघन का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में मान्य दस्वतावेजों के बिना रह रहे लोगों को पकड़ने के लिए गृह विभाग ने एक फेक यूनिवर्सिटी बनाई थी। इसके जरिए पहले छात्रों की पहचान की गई और फिर उन्हें हिरासत में लिया गया। अमेरिका जल्द ही इन छात्रों को डिपोर्ट कर सकता है।
छात्रों को हिरासत में लिए जाने की बात सबसे पहले अमेरिकन तेलुगु एसोसिएशन (एटीए) की तरफ से आई। यह उत्तरी-अमेरिका में तेलुगु मूल के लोगों का संगठन है। एटीए ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि उनके सामने यह मामला हिरासत में लिए गए छात्रों के करीबियों और रिश्तेदारों के जरिए आया।
फ्रॉड पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन पेपर चेज
अमेरिकी कस्टम एजेंट्स ने इमिग्रेशन फ्रॉड को पकड़ने वाले ऑपरेशन को पेपर चेज नाम दिया। यूनिवर्सिटी में 2017 के बाद से गृह विभाग के अंडरकवर अधिकारियों को रखा गया था, जो आरोपियों की पहचान करने में जुटे थे। छात्रों के अलावा भारतीय मूल के आठ एजुकेशनल कंसल्टिंग एजेंटों को भी कस्टम डिपार्टमेंट ने कस्टडी में रखा है।
यूनिवर्सिटी में शुरु हुआ था अंडरकवर ऑपरेशन
फेसबुक पर एटीए के पोस्ट में कहा गया है कि 2015 की शुरुआत में इस यूनिवर्सिटी को अंडरकवर ऑपरेशन के तहत शुरू किया था। इसका मकसद इमिग्रेशन फ्रॉड से जुड़े लोगों को पकड़ना था। एटीए का कहना है कि छात्रों की तरफ से मदद की अपील के बाद संगठन ने अलग-अलग शहरों में मौजूद अपनी टीमों को काम पर लगा दिया है। एटीए की लीगल टीम भारतीय छात्रों के संगठन से बातचीत कर रही है। एटीए के कुछ सदस्यों ने इस मामले में अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शिंगला से भी मुलाकात की और इस मामले पर पूरी जानकारी दी।
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