इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI) ने शुक्रवार को शाहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ लाहौर से इस्लामाबाद तक लॉन्ग मार्च शुरू कर दिया। इसे हकीकी आजादी मार्च नाम दिया गया। खान का कहना है कि वो सियासी दौरे पर नहीं, बल्कि जिहाद के लिए निकले हैं।
इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले खान ने फौज और खुफिया एजेंसी ISI को चैलेंज किया। कहा- मेरे सीने में इन लोगों के अनगिनत राज दफन हैं, लेकिन मुल्क की इज्जत बनी रहे। इसलिए चुप हूं। उन्होंने एक बार फिर भारत की विदेश नीति की तारीफ की। कहा- भारत अपने फैसलों में किसी दूसरे देश की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करता।
लॉन्ग मार्च में क्या होगा
28 अक्टूबर से शुरू हुआ यह लॉन्ग मार्च 4 नवंबर को फेडरल कैपिटल इस्लामाबाद पहुंचेगा। प्लान के मुताबिक, इमरान हजारों समर्थकों के साथ यहां तब तक धरना देंगे, जब तक वजीर-ए-आजम शाहबाज शरीफ इस्तीफा नहीं दे देते। खास बात यह है कि मार्च ज्यादातर पंजाब प्रांत के शहरों से गुजरेगा, जहां इमरान की पार्टी की ही सरकार है। इमरान का दावा है कि शाहबाज सिर्फ 25 किलोमीटर के दायरे में ही प्रधानमंत्री हैं। इस्लामाबाद के बाहर उनको कोई नहीं पूछता।
इमरान दूसरी बार लॉन्ग मार्च निकाल रहे हैं। मई में भी वो सड़कों पर उतरे थे। तब उनके मार्च में एक हजार लोग भी शामिल नहीं हुए थे। खिसियाए इमरान ने तब उसे वापस ले लिया था। इस्लामाबाद में उनके समर्थकों ने काफी तोड़फोड़ की थी।
रूस से तेल खरीदने की इजाजत गुलाम पाकिस्तान को नहीं
लाहौर में इमरान ने कहा- भारत मर्जी से रूस से तेल खरीदता है, पाकिस्तानी गुलाम हैं। ये अपने देश के लोगों की भलाई के फैसले नहीं ले पाए। मुल्क के फैसले, मुल्क में ही लिए जाते हैं। अगर रूस सस्ता तेल दे रहा है और देशवासियों को बचाने का विकल्प हमारे पास है, तो हमें किसी से पूछना नहीं चाहिए। कोई दूसरा देश आकर हमें ये न बताए कि क्या करना चाहिए। भारत तो रूस से तेल ले सकता है, लेकिन गुलाम पाकिस्तानियों को इसकी इजाजत नहीं है।
ताकतवर फौज चाहिए
समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान ने आगे कहा- मैं वो पाकिस्तान देखना चाहता हूं जो आजाद हो। इसके लिए हमें ताकतवर फौज चाहिए। अगर फौज कमजोर है तो मुल्क की आजादी चली जाती है। मैं अपने मुल्क को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता। एक आजाद मुल्क देखना चाहता हूं।
खुफिया एजेंसी ISI पर निशाना साधते हुए खान ने कहा- ISI चीफ अपने कान खोलकर सुन लें, मैं बहुत कुछ जानता हूं। लेकिन, मैं इसलिए चुप हूं क्योंकि अपने देश और उसकी जनता को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता। मैं मुल्क की बेहतरी के लिए चुप हूं, वरना मेरे सीने में बहुत से राज दफन हैं।
नवाज की तरह भागूंगा नहीं
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा- मैं नवाज की तरह देश छोड़कर भागूंगा नहीं। मेरा जीना भी इसी जमीन पर होगा और मरना भी। इससे पहले PTI ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें मार्च के बारे में बता रहे इमरान खान ने कहा है कि वे 'जिहाद' पर निकल रहे हैं।
अपडेट्स
PTI की अपील- गैस मास्क और डंडे लेकर आएं
देश में चुनावों की मांग को लेकर यह मार्च निकाला जा रहा है। PTI ने मार्च में हिस्सा लेने वालों से इस्लामाबाद में धरने के लिए गैस मास्क, चादरें, कंबल, तौलिए, तीन जोड़ी कपड़े, छोटे आकार के टेंट, स्लिंग-शॉट्स, मार्बल्स और डंडों की व्यवस्था करने को कहा है। .
मार्च को रोकने आंसू गैस और पेपर गन
इस्लामाबाद पहुंच रहे मार्च को रोकने के लिए यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने और खराब हालात से निपटने के लिए आंसू गैस और पेपर गन से लैस 13,000 से ज्यादा जवानों को राजधानी में तैनात किया गया है।
पहले हिंसा के बाद वापस लेना पड़ा था आजादी मार्च
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान आजादी मार्च निकाल रहे हैं। इसके पहले वे मई 2022 में आजादी मार्च निकाल चुके हैं, लेकिन इस्लामाबाद पहुंचने पर यह हिंसक हो गया था। इमरान समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी और मेट्रो स्टेशन पर आग लगा दी गई थी। जिसके बाद आजादी मार्च को खत्म कर दिया गया था।
पहली बार सामने आए ISI प्रमुख
पाकिस्तान में इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा, ISI चीफ नदीम अंजुम के बीच तकरार चल रही है। इमरान बजावा को मीर जाफर और गद्दार कह रहे हैं। इमरान के इन्हीं जुबानी हमलों का जवाब देने के लिए ISI के डायरेक्टर जनरल नदीम अंजुम को मीडिया के सामने आना पड़ा। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया है। यह पाकिस्तान के इतिहास का पहला मौका है जब कोई ISI चीफ मीडिया के सामने आया, क्योंकि आजादी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ था। पढ़े पूरी खबर...
लाहौर में भीड़ ने इमरान खान को घेरा, 'घड़ी चोर' के नारे लगाए
पाकिस्तान के लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान इमरान खान को भीड़ ने घेर लिया। भीड़ ने ‘घड़ी चोर’ के नारे लगाए। इस दौरान इमरान ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया तो नहीं दी, लेकिन वे काफी असहज नजर आए। दरअसल, 21 अक्टूबर को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशखाना मामले में इमरान को 5 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी।
इस फैसले के बाद इमरान अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इमरान पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया।
लाहौर की एक मस्जिद के पास की है घटना
इस्लामाबाद में इमरान सरकार विरोधी मार्च निकालने वाले हैं। हर हाल में इस मार्च को सफल बनाना चाहते हैं। इसी को लेकर वे लाहौर दौरे पर थे। लाहौर की मस्जिद एक नबवी पर जब इमरान सपोटर्स के साथ पहुंचे तो भीड़ और वकीलों के एक ग्रुप ने उन्हें घेर लिया। भीड़ ने उनके खिलाफ ‘घड़ी चोर’ के नारे लगाए। इस दौरान इमरान खुद ही भीड़ को हटाते नजर आए। घटना गुरुवार शाम की बताई जा रही है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
विदेशी तोहफों को बेचने का आरोप
पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यों की बेंच ने इमरान के खिलाफ यह फैसला सुनाया। इमरान जब प्रधानमंत्री थे, तब विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी। इमरान पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया।
जानिए क्या है तोशाखाना केस?
चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था। इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपए मिले थे।
इमरान ने किया इस नियम का उल्लंघन
पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है।
फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी इमरान की पार्टी
इमरान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी PTI चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध करेगी और इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी। पाकिस्तान में तोशाखाना 1974 में बना था। यह ऐसा विभाग है जिसमें प्रधानमंत्री, ब्यूरोक्रेट्स और राष्ट्रपति को देश-विदेशों से मिले तोहफे रखे जाते हैं।
इमरान खान अपने कार्यकाल के दौरान विवादों में रहे, इससे जुड़ी खबरें आप नीचे पढ़ सकते हैं...
सऊदी प्रिंस से मिली 16 करोड़ की घड़ी-झुमके बेच खाए
इमरान 2018 में PM बने। कई मुल्कों के दौरे किए, इनमें सऊदी अरब भी शामिल था। यहां के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने इमरान को बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की। आरोप है कि प्रधानमंत्री इमरान खान और पत्नी बुशरा बीबी ने मुल्क को बिना बताए करोड़ों रुपए के गिफ्ट ही बेच दिए। पढ़ें पूरी खबर..
इमरान की पत्नी बुशरा बीबी की करतूत; ठेका दिलाने के बदले 5 कैरट की डायमंड रिंग ली, ऑडियो वायरल
चार महीने पहले इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की रिश्वतखोरी का एक और राज सामने आया था। तब 2 मिनट 17 सेकंड का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें अरबपति कारोबारी मलिक रियाज और उसकी बेटी अंबर की बातचीत है। इसमें अंबर पिता को बताती हैं कि बुशरा बीबी 5 कैरट हीरे की अंगूठी मांग रही हैं। इसके बदले वो इमरान से ठेका दिलवा देंगी। पढ़ें पूरी खबर...
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