इमरान खान का फौज पर तंज:नए आर्मी चीफ को बधाई दी, कहा- ये मत भूलिए कि अवाम मालिक और आप सेवक हैं

स्पोर्ट्स डेस्क4 महीने पहले
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जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ बन गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरोधी माने जाने वाले मुनीर सख्त मिजाज और करप्शन से नफरत करने वाले अफसर माने जाते हैं। बहरहाल, मुनीर के आर्मी चीफ बनने के बाद इमरान ने उन्हें बधाई तो दी, साथ ही तंज भी कस दिया। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में फौज और इमरान के रिश्ते ज्यादा तल्ख हो सकते हैं।

इमरान ने कहा- फौज के नए सर्वरा (प्रमुख) को बधाई। आपके सामने कई मुश्किल चुनौतियां होंगी। यह भी याद रखें कि अवाम यानी जनता ही पाकिस्तान की असली मालिक है और आप उसके सेवक हैं।

क्या बोले इमरान
मंगलवार को जनरल आसिम मुनीर ने नए आर्मी चीफ का चार्ज संभाला। उनके साथ जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने चीफ कमांडिंग ऑफिसर का चार्ज लिया। इमरान ने दोनों अफसरों को रस्मी तौर पर बधाई दी। सोशल मीडिया पर कहा- 8 महीने से मुल्क में फौज और अवाम के बीच तनाव चल रहा है। उम्मीद है नई मिलिट्री लीडरशिप भरोसे में आई कमी को दूर करेगी।

खान ने पाकिस्तान के फाउंडर मोहम्मद अली जिन्ना के बयान का जिक्र करते हुए कहा- आपको (फौज) यह हमेशा याद रखना चाहिए कि इस मुल्क का अवाम ही असली मालिक है। आप उसके सेवक हैं। आप नेशनल पॉलिसी नहीं बना सकते। हम यानी आम लोग ही वो ताकत हैं जो मुद्दे तय करेंगे और आपकी यह जिम्मेदारी है कि आप इन्हें हल करने में हमारी मदद करेंगे।

मंगलवार को जनरल आसिम मुनीर ने नए आर्मी चीफ का चार्ज संभाला।
मंगलवार को जनरल आसिम मुनीर ने नए आर्मी चीफ का चार्ज संभाला।

इस बयान के मायने क्या

  • अगस्त 2018 में इमरान प्रधानमंत्री बने। उन्हें हमेशा इलेक्टेड के बजाए सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर कहा गया। इसकी वजह यह है कि खान को सत्ता तक लाने का श्रेय फौज और पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को दिया जाता है। इमरान जब प्रधानमंत्री बने तो उस वक्त आसिम मुनीर ISI के चीफ थे। उन्होंने जब इमरान को यह बताया कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी, उनके पूर्व शौहर और दोस्त फराह गोगी जबरदस्त करप्शन कर रहे हैं, तो खान ने बजाए एक्शन लेने के मुनीर को ही ISI चीफ की पोस्ट से हटा दिया।
  • खान ने अपने करीबी दोस्त और लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को इस पद पर तैनात किया। खास बात यह है कि जैसे ही मुनीर को आर्मी चीफ बनाए जाने का ऐलान हुआ, वैसे ही हमीद ने इस्तीफा दे दिया। दरअसल, अलग-अलग जरियों से यह कोशिश कर रहे थे कि फैज हमीद को ही आर्मी चीफ बनाया जाए। हालांकि, उनकी इस मामले में नहीं चली और मुनीर को प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आर्मी चीफ बना दिया।अब इमरान इसी बात की खीज निकाल रहे हैं कि उनके चहेते हमीद को आर्मी चीफ क्यों नहीं बनाया गया। यही वजह है कि उन्होंने नए आर्मी चीफ को बधाई तो दी, लेकिन इसके साथ तंज भी कस दिया।
सोमवार को जनरल बाजवा ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात की थी।
सोमवार को जनरल बाजवा ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात की थी।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिले थे बाजवा
रिटायरमेंट डेट से एक दिन पहले सोमवार को जनरल बाजवा ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात की थी। इसके बाद शरीफ ने कहा था- बाजवा साहब की वजह से ही हम FATF की ग्रे लिस्ट, कोरोना वायरस और बाढ़ जैसे मुश्किल हालात से निकल सके।

22 करोड़ लोगों की नजर

  • पाकिस्तान की वेबसाइट ‘आज न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक- डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशन्स की बजाए फौज ही 22 करोड़ अवाम वाले मुल्क की सबसे बड़ी ताकत है। 8 महीने इसी रस्साकशी में गुजर गए कि जनरल बाजवा को एक और एक्सटेंशन मिलेगा या फिर कोई नया आर्मी चीफ आएगा। बहरहाल, कयासों का दौर थमा और पिछले हफ्ते साफ हो गया कि आसिम मुनीर नए आर्मी चीफ होंगे। मंगलवार को रावलपिंडी के 6आर्मी हेडक्वॉर्टर में ‘चेंज ऑफ बैटन कमांड सेरेमनी’ होगी। आम जुबान में इसे ‘चेंज ऑफ स्टिक सेरेमनी’ भी कहा जाता है।
  • आउटगोइंग आर्मी चीफ जनरल बाजवा अपने करीबी दोस्त और सहयोगी आसिम मुनीर को बैटन ऑफ कमांड सौंपेंगे। यह स्टिक एक खास तरह की लकड़ी से बनी होती है। इस लकड़ी को ‘मलाक्का केन’ कहा जाता है। आर्मी में इस स्टिक की बेहद अहमियत है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक- अगर पाकिस्तान की सियासत को छोड़ दिया जाए तो यहां हमेशा से फौज ही ताकतवर रही है। उसके रसूख और दबदबे के आगे सियासतदान छोटे पड़ते रहे हैं। यही वजह है कि 1947 में पाकिस्तान के जन्म के बाद करीब-करीब आधा वक्त यहां मिलिट्री रूल रहा।

फौज में फूट के संकेत
पाकिस्तान की फौज में फूट पड़ने के संकेत हैं। नए आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के अपॉइंटमेंट से खफा दो सीनियर जनरल ने पद छोड़ने का फैसला किया है। खास बात ये है कि ये दोनों ही जनरल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी हैं।

इनमें से एक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद इमरान सरकार के दौर में ISI के चीफ थे। उन्हें आउटगोइंग आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस पोस्ट से हटा दिया था। दूसरे अफसर का नाम लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास है। वो भी इमरान के चहेते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ और सीनियर अफसर भी जल्द ही पद छोड़ सकते हैं।

इमरान खान चाहते थे कि नया आर्मी चीफ उनकी पसंद का हो। ये हो नहीं सका।
इमरान खान चाहते थे कि नया आर्मी चीफ उनकी पसंद का हो। ये हो नहीं सका।

सियासत और अपॉइंटमेंट

  • शाहबाज शरीफ सरकार ने पिछले हफ्ते 8 महीनों से जारी कयासों पर रोक लगाते हुए लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को आर्मी चीफ बनाने का फैसला किया। खास बात यह है कि मुनीर 27 नवंबर को रिटायर होने वाले थे। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल से फोर स्टार रैंक पर प्रमोट करते हुए जनरल बनाया गया। इसके बाद तीन साल का एक्सटेंशन देते हुए आर्मी चीफ बना दिया गया।
  • यह पूरी तरह से सियासी पोस्टिंग है। इसकी वजह यह है कि आसिम मुनीर इमरान के सख्त विरोधी हैं। अगस्त 2018 में जब इमरान प्रधानमंत्री बने तो उस वक्त मुनीर ISI चीफ थे। उन्होंने कथित तौर पर इमरान को बताया था कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी, उनके पहले पति और दोस्त फराह खान करप्शन कर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।
  • इमरान ने बजाय इस पर लगाम कसने के, आसिम मुनीर को ही ISI चीफ पद से हटा दिया। इसके बाद से खान और मुनीर के रिश्ते तल्ख होते चले गए। शाहबाज शरीफ ने इसका सियासी फायदा उठाया और मुनीर को आर्मी चीफ बना दिया। अब इमरान दबाव में हैं और यही वजह है कि उन्होंने शनिवार को अपना लॉन्ग मार्च रद्द कर दिया था। वैसे भी यह फ्लॉप हो रहा था।