पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उनकी सरकार गिराने के लिए अमेरिका ने साजिश रची थी। नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) दो बार इमरान के आरोपों को खारिज कर चुकी है, लेकिन इमरान इसे मानने तैयार नहीं हैं। अब इमरान की मांग के मुताबिक, शहबाज शरीफ सरकार ने विदेशी साजिश के आरोपों की जांच के लिए कमीशन बनाने का ऐलान कर दिया है।
शहबाज सरकार में इन्फार्मेशन मिनिस्टर मरियम औरंगजेब ने गुरुवार को कहा- NSC हमारे देश की सबसे जिम्मेदार संस्था है। वो दो बार साफ कर चुकी है कि इमरान की सरकार अपनी गलतियों से गिरी। इसमें विदेशी साजिश जैसी कोई बात नहीं थी, लेकिन हम अब उनकी मांग पूरा करने जा रहे हैं।
ड्रामा कर रहे हैं खान
औरंगजेब ने इस्लामाबाद में मीडिया से बातचीत की। कहा- विदेशी साजिश का आरोप लगाकर इमरान सिर्फ ड्रामा कर रहे हैं, लेकिन जनता के सामने सच आना जरूरी है। इमरान भी मांग कर रहे थे कि एक जांच कमीशन बनाया जाना चाहिए। हम उनकी मांग को पूरा कर रहे हैं। अब जांच कमीशन सच बताएगा। खान ने मुल्क को जितना नुकसान पहुंचाया है, उतना पहले की किसी सरकार ने नहीं पहुंचाया। कमीशन जो भी रिपोर्ट देगा, सरकार उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई करेगी।
सच तो सामने लाना ही होगा
मरियम औरंगजेब ने आगे कहा- सब जानते हैं कि इमरान नौटंकी कर रहे हैं, ताकि लोगों को धोखा दिया जा सके। अब तक दो बार साफ हो चुका है कि किसी देश का उनकी सरकार गिराने में कोई हाथ नहीं है। हम भी चाहते हैं कि इस ड्रामे को अब खत्म करना होगा। कैबिनेट की अगली मीटिंग में इस इंडिपेंडेंट इन्क्वॉयरी कमीशन का ऐलान कर दिया जाएगा।
मरियम ने आगे कहा- इमरान अब अपने करप्शन पर पर्दा डालने के लिए तमाम बहानेबाजी कर रहे हैं। सबको मालूम है कि फराह खान कौन थी और इमरान के इशारों पर उसने क्या-क्या किया। इमरान की पत्नी बुशरा बीबी भी इस जुर्म में बराबर की हिस्सेदार थीं। बुशरा के अकाउंट में 8 करोड़ रुपए किसने ट्रांसफर किए। करोड़ों रुपए के विदेशी तोहफे आखिर किसने बेचे? इनका जवाब कौन देगा?
क्या है विदेशी साजिश का मामला
27 मार्च को इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली की थी। इसमें एक कथित लेटर लहराया था। कहा था- मेरी सरकार गिराने के लिए अमेरिका में साजिश रची गई और यह चिट्ठी इसका सबूत है। हर किसी ने इस आरोप को नकार दिया, क्योंकि यह लेटर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत डॉक्टर असद मजीद ने लिखा था और इसमें सिर्फ उनकी राय थी। कई पूर्व डिप्लोमैट्स ने साफ कर दिया था कि डिप्लोमैटिक केबल के रंग गुलाबी या पीला होता है, सफेद नहीं। दूसरी तरफ इमरान अब भी विदेशी साजिश का राग अलाप रहे हैं।
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