पाकिस्तान के अगले आर्मी चीफ के नाम का ऐलान 26 नवंबर को हो सकता है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के पास कुछ नामों की समरी पहुंच चुकी है। वो इनमें से एक नाम फाइनल करके इसे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास भेजेंगे। अगर इमरान खान समर्थक अल्वी ने कयासों के मुताबिक, कोई कानूनी पेंच नहीं फंसाया तो 26 को नाम तय हो जाएगा। 29 को नया आर्मी चीफ कमान संभाल लेगा।
इस बीच, सरकार और फौज के लिए मुश्किल बन चुके इमरान खान रावलपिंडी में ऐतिहासिक रैली करने जा रहे हैं। इस रैली को दो बातें खास बनाती हैं। पहली- रैली रावलपिंडी में होगी और यहीं आर्मी हेडक्वॉर्टर है। यानी फौज से टकराव की तैयारी है। दूसरी- फौज और सरकार से नए इलेक्शन जल्द कराने की डेट मांगी जाएगी।
बाजवा को एक और एक्सटेंशन नहीं
शाहबाज शरीफ तो चाहते थे कि वर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को एक और एक्सटेंशन दी जाए, लेकिन खुद बाजवा इसके लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में जाहिर है कि मुल्क की सबसे ताकतवर पोस्ट पर बाजवा की जगह कोई नया जनरल काबिज होगा।
बुधवार को PM ऑफिस से जारी बयान में कहा गया- समरी हमारे पास पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री एक या दो दिन में नाम तय करके उसे राष्ट्रपति के पास भेजेंगे। 61 साल के बाजवा के बारे में पिछले हफ्ते बड़ा खुलासा हुआ था। ‘फैक्ट फोकस’ नाम की एक वेबसाइट पर दावा किया था कि बाजवा ने 6 साल के टैन्योर के दौरान अरबों रुपए की प्रॉपर्टी बनाई। इसके रिकॉर्ड्स भी सामने आए। अब सरकार जानकारी लीक होने के मामले की जांच करा रही है।
समरी में कितने नाम
वजीर-ए-आजम यानी प्रधानमंत्री के पास डिफेंस मिनिस्ट्री ने 6 नाम भेजे हैं। इसे ही समरी कहा जाता है। इनमें से ही एक नाम चुना जाएगा। इमरान अपने करीबी दोस्त और पूर्व ISI चीफ जनरल फैज हमीद को आर्मी चीफ बनवाना चाहते थे और इसके लिए बाजवा और शरीफ दोनों ही तैयार नहीं बताए जाते। इमरान दबाव बना रहे थे कि नए आर्मी चीफ की तैनाती के मामले में उनकी भी सलाह ली जाए, लेकिन संविधान में यह अधिकार सिर्फ प्रधानमंत्री को दिया गया है। खान इससे बौखलाए हुए हैं।
टकराव के लिए तैयार खान
फौज और सरकार भी तैयार
इमरान के लॉन्ग मार्च की वजह से सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का दौरा रद्द हुआ। इसके अलावा पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। इसकी वजह से सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि फौज भी परेशान है। इमरान के बयानों से फौज में दरार पड़ने की भी खबरें हैं। माना जा रहा है कि फौज और सरकार इमरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला कर चुके हैं। इसके संकेत डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ के बयान से मिलते हैं।
आसिफ ने मंगलवार को कहा- सबसे जरूरी काम आर्मी चीफ का अपॉइंटमेंट है। यह प्रॉसेस 2 या 3 दिन में पूरी हो जाएगी। इसके बाद इमरान से निपटा जाएगा।
MBS के दौरे से क्या थी उम्मीद
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