जिद पर अड़े इमरान:कहा- मैं सियासत नहीं, जिहाद के लिए निकला हूं; मीडिया ने सख्त सवाल पूछे तो उठकर चल दिए

पेशावरएक वर्ष पहले
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बुधवार को इस्लामाबाद में लॉन्ग मार्च और धरना फ्लॉप होने के बाद भी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के तेवर नर्म नहीं पड़े हैं। खान ने शुक्रवार को पेशावर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा- मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं सियासत नहीं, जिहाद करने के लिए निकला हूं। सरकार को 6 दिन का वक्त दिया है। अगर उन्होंने चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया तो हम फिर इस्लामाबाद पहुंचेंगे और इस बार तब तक नहीं लौटेंगे जब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हो जाता।

वैसे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक बात बहुत खास रही और वो ये कि जब इमरान से सख्त सवाल पूछे गए तो वो झल्ला गए और उठकर चल दिए। जाते-जाते मीडिया पर बयानबाजी का आरोप लगा गए।

फौज से डील नहीं
इमरान से पूछा गया- बुधवार को आप बेमियादी धरने के लिए इस्लामाबाद आए थे, फिर लॉन्ग मार्च और धरना क्यों रद्द कर दिया। क्या फौज से डील हो गई है? इमरान बोले- मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि मैं एक तरह के जिहाद पर निकला हूं। सियासत तो बहुत बाद की बात है। ये चोरों और डाकुओं की इम्पोर्टेड हुकूमत है। मैं तो इन लोगों के खिलाफ ही जिहाद पर निकला हूं। इसलिए किसी से कोई डील नहीं होगी। 6 दिन में सरकार ने चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया तो हम फिर इस्लामाबाद पहुंच जाउंगा।

खान ने आगे कहा- इस्लामाबाद का लॉन्ग मार्च और धरना मैंने इसलिए खत्म कर दिया, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि बेगुनाह लोगों का खून बहे। पुलिस ने हमारे लोगों पर आंसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया। कुछ दिन पहले फौज ने इमरान को मैसेज भेजा था कि वो अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी न करें। खान नहीं माने और उन्होंने अमेरिका के साथ ही अपनी ही फौज पर तंज कस दिए।

इमरान खान इन दिनों खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार के प्लेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन दिनों वो इस्लामाबाद की बजाए पेशावर में रह रहे हैं।
इमरान खान इन दिनों खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार के प्लेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन दिनों वो इस्लामाबाद की बजाए पेशावर में रह रहे हैं।

फिर झल्ला गए कप्तान
खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक तरह से भाषण बना दिया। उनकी ब्रीफिंग में अकसर वही जर्नलिस्ट्स होते हैं जो उनकी पार्टी का एजेंडा आगे बढ़ाते हैं। इस बार भी यही हुआ। पहले से तय सवाल पूछे गए और खान साहब ने किसी तकरीर यानी भाषण की तरह उनके लंबे-लंबे जवाब दिए।

अब तक खान की मनमर्जी के सवाल पूछ रहे जर्नलिस्ट्स के बीच एक पत्रकार ने कुछ सवाल कठिन कर दिए। पूछा- आपने तो प्राइम मिनिस्टर हाउस को यूनिवर्सिटी बनाने का वादा किया था। आपके सोशल मीडिया वर्कर्स बदजुबानी कर रहे हैं। फौज पर निशाना साध रहे हैं। आप इन लोगों को रोकते क्यों नहीं? इस सवाल पर खान झल्ला गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस को छोड़कर चले गए।

इमरान दावा करते आए हैं कि अमेरिका के इशारे पर उनकी सरकार को गिराया गया और एक लेटर के रूप में उनके पास साजिश के सबूत मौजूद हैं।
इमरान दावा करते आए हैं कि अमेरिका के इशारे पर उनकी सरकार को गिराया गया और एक लेटर के रूप में उनके पास साजिश के सबूत मौजूद हैं।

खान इस्लामाबाद की बजाए पेशावर में क्यों
पेशावर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी है। यहां इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार है। कुल मिलाकर सरकार भी उनकी और प्रशासन के साथ पुलिस भी अपनी। लिहाजा, इमरान यहां खुद को ज्यादा महफूज महसूस कर रहे हैं। इसके अलावा सरकारी हेलिकॉप्टर और दूसरी तमाम सुविधाएं भी खान के लिए मौजूद हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि यहां उन्हें गिरफ्तार करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि पूरी खैबर सरकार और पुलिस दरवाजे पर खड़ी है। खान के खिलाफ इस्लामाबाद में हिंसा भड़काने और तोड़फोड़ के आरोप में केस दर्ज किया जा चुका है।