चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को 16 जून 2020 में हुई झड़प का वीडियो जारी किया है। चीन ने कबूल किया कि इस झड़प में उसके 5 सैनिक मारे गए थे। उसने भारत पर ही समझौता तोड़ने का आरोप भी लगाया। इसके बाद उसने वीडियो जारी किया। चीन ने वीडियो में अपने मारे गए सैनिकों की फोटो और भारतीय अफसरों के साथ हुई कहासुनी भी दिखाई है।
चीन ने खुद को निर्दोष बताया
चीन ने 3 मिनट 20 सेकंड का वीडियो जारी किया है। चीन के स्टेट मीडिया के विश्लेषक शेन शिवाई की ओर से ट्वीट किए गए इस वीडियो में आरोप लगाया गया है कि भारतीय सैनिकों ने चीनी क्षेत्र में अवैध रूप से घुसने की कोशिश की।
वीडियो के जरिए चीन बताने की कोशिश कर रहा है कि भारतीय सेना ने जानबूझकर PLA को उकसाया और सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। भाारतीय सैनिकों ने बातचीत करने गए चीनी सैनिकों पर हमला भी किया।'
एक चीनी सैनिक चेन ने अपनी डायरी में लिखा, 'हमारे शत्रु (भारतीय सैनिक) संख्या में हमसे बहुत ज्यादा थे, लेकिन हम घबराए नहीं। उनके पत्थर से हमले के बीच हमने उन्हें पीछे धकेल दिया।' हालांकि शेन की ओर से ट्वीट किए गए एक अन्य वीडियो में चीन के सैनिकों को भारतीय सैनिकों के साथ आक्रामक अंदाज में व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है।
एक्सपर्ट बोले- चीनी सैनिक ही भारतीय सीमा में 50 मीटर अंदर घुसे थे
इस मामले में ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर और चीन मामलों के जानकार नाथन रुसर ने जियोलोकेटर के आधार पर चीन के दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने बताया कि गलवान में झड़प वाली जगह भारतीय सीमा में लगभग 50 मीटर अंदर थी। जियोलोकेटर के अनुसार, एक चट्टान पर पहुंचने और नदी पार करने से पहले भारतीय सेना के फुटेज में घाटी के दक्षिण की ओर चलते देख सकते हैं। मुझे विश्वास है कि यह पत्थर भारतीय सीमा में हरे रंग से घेरे गए स्थान पर स्थित है। ऐसे में कोई श्क या सवाल नहीं बचता कि चीनी सेना ने भारतीय इलाके में घुसकर हमला किया था।
मरने वालों में रेजिमेंटल कमांडर भी शामिल
चीनी सेना के ऑफिशियल न्यूज पेपर PLA डेली के मुताबिक, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने इन सैनिकों को हीरो का दर्जा दिया है। इनमें शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फेबाओ को हीरो रेजिमेंटल कमांडर फॉर डिफेंडिंग द बॉर्डर, चेन होंगजुन को हीरो टु डिफेंड द बॉर्डर और चेन जियानग्रॉन्ग, जियाओ सियुआन और वांग जुओरन को फर्स्ट क्लास मेरिट का दर्जा दिया गया है।
अब तक अपने मारे गए सैनिकों की बात छिपाता आया था चीन
यह पहली बार है, जब चीन ने इन अधिकारियों और सैनिकों की मौत की बात कबूल की है। अब तक वह गलवान में घायल हुए और मरने वाले सैनिकों की संख्या छिपाता रहा था। पांचों सैनिकों को अवॉर्ड देने के दौरान गलवान में हुए घटनाक्रम के बारे में भी बताया गया।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने बताया कि कैसे LAC पर भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया था। उसने दावा किया कि भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों को पीछे हटाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान चीनी सैनिकों ने स्टील ट्यूब, लाठियों और पत्थरों के हमलों के बीच देश की संप्रभुता का बचाव किया।
गलवान ने लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया
दोनों देशों के बीच लगभग 45 साल में यह सबसे बड़ी झड़प थी। PLA इस झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। उसने कहा कि अप्रैल 2020 के बाद से विदेशी सेना ने पिछले समझौते का उल्लंघन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लघंन कर सड़क और पुलों का निर्माण किया। जानबूझकर सीमा पर अपनी स्थिति को बदलते हुए उन्होंने कम्युनिकेशन के लिए भेजे गए चीनी सैनिकों पर हिंसक हमला किया।
PLA ने कहा कि मई 2020 में भारतीय सेना के उकसावे का सामना करते हुए चेन जियानग्रॉन्ग और दूसरे चीनी सैनिकों ने संघर्ष किया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया। चेन ने अपनी डायरी में लिखा है, 'जब दुश्मनों ने हमारा सामना किया, तो हममें से कोई भी नहीं भागा। उनके पत्थर के हमलों के बीच, हमने उन्हें दूर तक धका दिया।
जून 2020 में, भारतीय सेना ने LAC पर टेंट का निर्माण किया। चीनी सेना के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फाबाओ कुछ सैनिकों के साथ बातचीत करने गए थे। भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को रोकने के लिए पहले से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर दिया था।
अलग-अलग दावों का खंडन करने के लिए बताई संख्या
सिन्घुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रैटजी इंस्टीट्यूट में रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन ने इस घटना की डिटेल सामने लाने का फैसला लिया है, ताकि पिछले दावे का खंडन किया जा सके, जिसमें कहा गया था कि चीन के कई सैनिकों को नुकसान हुआ था। कुछ समय पहले भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई.सी. जोशी ने रूस की एक एजेंसी के हवाले से दावा किया था कि इस झड़प में 45 चीनी सैनिक मारे गए थे।
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