एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख के 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां भारतीय सैनिकों की मौजूदगी नहीं है। यह रिपोर्ट लेह-लद्दाख के एसपी पीडी नित्या ने पिछले दिनों एक मीटिंग में पेश की थी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे।
दूसरी तरफ, रक्षा मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि देश की जमीन के किसी हिस्से पर चीन ने कब्जा नहीं किया है।
क्या है रिपोर्ट में
NDTV ने पीडी नित्या की इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी है। इसके मुताबिक- 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां पहले भारतीय सुरक्षा बल रेगुलर पेट्रोलिंग करते थे। ये काराकोरम दर्रे से चुमुर तक फैले हैं। इनमें से 26 ऐसे पॉइंट्स हैं जहां अब हमारी सेना गश्त नहीं कर पा रही। ये हैं- 5 से 17, 24 से 32 और 37। यह रिपोर्ट पिछले देश के आला पुलिस अफसरों की मीटिंग में पेश की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक- चीन बाद में इस बात के लिए दबाव डालेगा कि इन पॉइंट्स पर भारतीय सेना की मौजूदगी लंबे वक्त से नहीं है और यहां चीनी सैनिक मौजूद हैं। इस तरह यह इलाका बफर जोन बन जाएंगे और आखिर में इन पर हमारा नियंत्रण खत्म हो जाएगा। इस तरह चीन इंच दर इंच हमारी जमीन पर कब्जा करता चला जाएगा। इसे सलामी स्लाइसिंग टेक्टिक्स कहते हैं।
बफर जोन का फायदा उठा रहा है चीन
नित्या की रिपोर्ट के मुताबिक- चीन बफर जोन या बफर एरिया का फायदा उठा रहा है। (बफर जोन उस इलाके को कहते हैं, जो खाली इलाका होता है और जहां किसी का कब्जा या नियंत्रण नहीं होता) वो यहां की ऊंची पहाड़ियों पर हाईटेक कैमरे लगा रहा है और इनके जरिए इंडियन आर्मी के मूवमेंट की निगरानी कर रहा है। वो बफर जोन को भी अपना इलाका बताएगा और इस तरह और बफर जोन बनाएगा।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2020 में गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन ने यही स्ट्रैटेजी अपनाई थी। इससे हमारे सैनिकों के हौसलों पर भी असर होता है।
हमने कोई जमीन नहीं खोई
इस रिपोर्ट के बारे में सबसे पहले जानकारी अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने दी थी। द हिंदू से बातचीत में डिफेंस से जुड़े एक सूत्र ने कहा- हमने अपनी जमीन का कोई हिस्सा नहीं गंवाया। कुछ इलाके ऐसे जरूर हैं जहां दोनों ही देशों के सैनिक गश्त नहीं कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों से पीछे हटने का समझौता हुआ था वहां हमारे भी कई कैमरे लगे हैं। इन इलाकों में सेना सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ काम कर रही है।
यह रिपोर्ट ऐसे वक्त सामने आई है, जबकि एक महीने पहले ही भारत ने आरोप लगाया था कि चीन एकतरफा तौर पर इलाके में बदलाव की कोशिश कर रहा है।
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