पाकिस्तान की कट्टर समर्थक अमेरिकी सांसद इल्हान उमर को बहुत बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को उन्हें हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (जैसे हमारे यहां लोकसभा) की बेहद अहम फॉरेन अफेयर्स कमेटी से निकाल दिया गया है। ये राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए भी मुश्किल है, क्योंकि उमर उनकी ही डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद हैं।
यह फैसला इल्हान की इजराइल पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद लिया गया। दरअसल, अमेरिका के निचले सदन में डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। ऐसे में डेमोक्रेटिक पार्टी की उमर को समिति से बेदखल करना विपक्ष की जीत मानी जा रही है।
यह पहला मौका नहीं है जब उमर अपने बयान को लेकर चर्चा में आई हैं। इससे पहले वे भारत-विरोधी टिप्पणियों और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का दौरा करने की वजह से भी सुर्खियां बटोर चुकी हैं।
6 बयानों के कारण बेदखल हुईं उमर
उमर कई बार इजराइल और यहूदियों के खिलाफ जहर उगल चुकी हैं। गुरुवार को इसी मुद्दे पर अमेरिकी संसद में उमर का जमकर विरोध हुआ। उन्हें कमेटी से हटाने के लिए निचले सदन में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद मैक्स मिलर ने प्रस्ताव पेश किया था। इस पर बहस के बाद वोटिंग हुई। उमर के समर्थन में 211 वोट पड़े, जबकि उनके खिलाफ 218।
दरअसल, प्रस्ताव में उमर के 6 बयानों को अमेरिका की विदेश नीति के खिलाफ बताया गया था। मिलर का कहना था कि अपने पक्षपात के कारण उमर कमेटी में रहते हुए निष्पक्ष फैसले नहीं ले सकतीं।
व्हाइट हाउस ने की निंदा
उमर को फॉरेन अफेयर कमेटी से बाहर निकाले जाने पर व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया दी है। प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने कहा- हमें लगता है कि यह एक राजनीतिक साजिश है। हाल के हफ्तों में कई अहम समितियों से डेमोक्रेटिक पार्टी के दूसरे प्रमुख सांसदों को निचले सदन में रिपब्लिकन पार्टी ने गलत तरीके से हटाया। ये अमेरिका के लोगों का अपमान है।
उमर बोलीं- फॉरेन पॉलिसी की आलोचना करती रहूंगी
कमेटी से बाहर होने के बाद उमर ने एक ट्वीट में लिखा- हमारी विदेश नीति, फिलिस्तीनियों के लिए इजराइल की पॉलिसी या किसी भी देश की नीतियों के प्रति मेरी आलोचना नहीं बदलेगी। मैं हमेशा उन लोगों की वकालत करूंगी, जो सरकार के काम के चलते पीड़ित हैं। मैंने भी इन लोगों की तरह युद्ध और उत्पीड़न की भयावहता को झेला है।
इजराइल और भारत विरोधी बयानों से चर्चा में आईं
जून 2021 में उमर ने अमेरिका और इजराइल की तुलना तालिबान और हमास से कर दी थी। इसे लेकर यहूदी गुट भड़क उठे थे। इससे पहले 2019 में उमर ने कहा था- अमेरिकी राजनीति में इजराइल के जो समर्थक हैं, उनका कोई सिद्धांत नहीं है, बल्कि वे पैसों की वजह से समर्थन करते हैं। उनका इशारा रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं की तरफ था।
वहीं, अप्रैल 2022 में उमर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का दौरा किया था। इस दौरान उमर पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ और पूर्व PM इमरान खान से मुलाकात की थी। उमर ने PM नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार को मुस्लिम अल्पसंख्यक विरोधी बताया था।
कौन है इल्हान उमर?
40 साल की इल्हान उमर सोमालियाई-अमेरिकी राजनेता हैं, जो साल 2019 में मिनिसोटा से चुनाव जीतकर अमेरिका के निचले सदन में आई थीं। वह अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस में पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम महिला सांसदों में से एक हैं। अमेरिकी संसद में पहुंचने वाली वह पहली सोमालियाई-अमेरिकी नागरिक भी हैं। मूल रूप से वह अफ्रीका की नागरिक भी रही हैं। उनका परिवार 1991 में सोमालियाई गृहयुद्ध के चलते देश छोड़कर अमेरिका आया था।
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अमेरिकी मुस्लिम सांसद इल्हान उमर ने PM नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार को मुस्लिम अल्पसंख्यक विरोधी बताया है। इल्हान ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर वह भारत की सरकार का समर्थन क्यों कर रही है। पूरी खबर पढ़ें...
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