रूस के साथ लड़ाई के तकरीबन शुरू हो जाने के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया गया है। मंगलवार सुबह यूक्रेन रवाना की गई एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट ने देर रात 11.45 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर 242 भारतीय छात्रों के साथ लैंड कर लिया है। इस फ्लाइट ने शाम को यूक्रेन के खार्किव से दिल्ली के लिए वापसी की उड़ान भरी थी।
पहले 10.15 बजे दिल्ली पहुंचनी थी फ्लाइट
पहले बताया गया था कि एअर इंडिया की फ्लाइट 256 भारतीय छात्रों को लेकर रात 10.15 बजे दिल्ली लौट आएगी, लेकिन देर रात न्यूज एजेंसी ANI ने एअर इंडिया अधिकारियों के हवाले से बताया कि 241 भारतीयों को लेकर आ रही फ्लाइट एक घंटा देरी से लैंड करेगी। हालांकि देरी का कारण नहीं बताया गया। एअर इंडिया की फ्लाइट ड्रीमलाइनर B-787 यूक्रेन भेजी गई थी, जिसकी क्षमता 200 यात्रियों की है। यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जिन्हें वापस लाने सरकार प्रयास कर रही है।
चार उड़ान और ऑपरेट की जाएंगी, दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
इसके अलावा चार अन्य उड़ानें ऑपरेट की जाएंगी। भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को भी ऑपरेट होंगी। रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। रूस के इस कदम पर भारत ने चिंता जाहिर की है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत के रिप्रेजेंटेटिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, इनमें स्टूडेंट भी शामिल हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि इन भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।
भारत ने की दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील
रूस और यूक्रेन तनाव पर UN में भारत का स्टैंड टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "यूक्रेन और रूस के बीच सीमा पर तनाव गहरी चिंता का विषय है। इस इलाके में रूस का कदम शांति और सुरक्षा को कमजोर करेगा। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं। हम मानते हैं कि यह मुद्दा केवल और केवल डिप्लोमैटिक डायलॉग्स के जरिए सुलझ सकता है। अभी तनाव को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए गए हैं, उनके लिए हमें थोड़ा वक्त भी देना होगा।"
उन्होंने कहा, "सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को बनाए रखना चाहिए। इस तनाव का जल्द से जल्द ऐसा समाधान होना चाहिए, जो सभी पक्षों को मंजूर हो। डिप्लोमैटिक कोशिशों को तुरंत बढ़ाया जाना जरूरी है।"
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