चीनी सेना के सबसे बड़े समारोह में शामिल हुए भारतीय युद्धपोत

4 वर्ष पहले
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  • भारत और जापान के साथ रूस और सिंगापुर के आधुनिक जहाज भी इस समारोह में नजर आए
  • पाकिस्तानी नौसेना का कोई जहाज इसमें शामिल नहीं
  • पीपुल लिबरेशन आर्मी की 70वीं वर्षगांठ मनाई गई

बीजिंग. दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती पीपल्स लिबरेशन चीनी नौसेना ने मंगलवार को 70वीं वर्षगांठ मनाई। इस मौके पर विभिन्न देशों की नौसेना में शामिल युद्धपोत इस समारोह का हिस्सा बने। इस दौरान तमाम सुविधाओं से लैस इन जहाजों का संयुक्त तौर पर निरीक्षण भी किया गया। भारतीय नौसेना की ओर से इस समारोह में आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शक्ति ने हिस्सा लिया। पाकिस्तानी नौसेना का कोई युद्धपोत इसमें शामिल नहीं हुआ।

1) परेड में शामिल हुए युद्धपोत

पीपल्स लिबरेशन आर्मी के 32 जहाजों ने 6 समूहों में यात्रा की जबकि नेवी के 39 युद्ध विमानों ने 10 की टुकड़ी में परेड में शिरकत की। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे। वे न सिर्फ सेना प्रमुख हैं बल्कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख भी हैं। 

चीन ने इस मौके पर लेटेस्ट न्यूक्लियर सबमरीन, विध्वंसक पोत और लड़ाकू विमान प्रदर्शित किए। हालांकि मौसम की खराबी के कारण विजिबलिटी ठीक नहीं थी। ऐसे में अतिथियों का इस प्रदर्शनी को देखने का मजा किरकिरा हो गया।

आईएनएस कोलकाता के कैप्टन आदित्य हाड़ा थे। लेटेस्ट हथियारों से लैस यह जहाज एक साथ हवा, पानी और पानी के अंदर हमला करने में सक्षम है। आईएनएस शक्ति को सबसे बड़े सहयोगी जहाज के तौर पर जाना जाता है।

पाकिस्तानी नौसेना का कोई जहाज इस समारोह में शामिल नहीं हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच पैदा हुए तनाव के मद्देनजर पाक नौसेना को निमंत्रण नहीं भेजा गया। हालांकि सूत्रों के मुताबिक पाक नौसेना प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी इवेंट में शामिल हुए।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन फिलहाल पाकिस्तान के लिए चार बेहद अत्याधुनिक जहाज बना रहा है। अमेरिका ने अपने किसी लड़ाकू जहाज को इस इवेंट में नहीं भेजा। रूस और जापान ने भारत और सिंगापुर के साथ अपने आधुनिक जहाज इस निरीक्षण में भेजे।

भारतीय राजनयिकों ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक समारोह में भारतीय नौसेना की सहभागिता को खूब सराहा। समारोह में 13 देशों के 18 युद्धपोतों ने हिस्सा लिया। यह पड़ोसी देशों की सेना के साथ सेना के रिश्तों को बेहतर करने की पहल थी।