कैपिटल हिल हिंसा मामले में चल रही कांग्रेस समिति की सुनवाई में यह खुलासा हुआ है कि ट्रम्प ने सत्ता में बने रहने के लिए समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाया था। इसके उलट ट्रम्प इस सुनवाई को अपने पक्ष में भुना रहे हैं। इसका इस्तेमाल अपना समर्थक बेस बढ़ाने और फंड जुटाने में कर रहे हैं। सर्वे बताते हैं कि 55% अमेरिकियों का मानना है कि ट्रम्प इस हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं थे।
हिंदी, पंजाबी, तेलुगु में कैंपेन हो रहे हैं
बीते राष्ट्रपति चुनाव में भारतीयों की बड़ी संख्या ने बाइडेन को वोट दिया था। ऐसे में अमेरिकी मिडटर्म चुनाव में भारतीयों को इम्प्रेस करने के लिए ट्रम्प-बाइडेन कैंपेन में 390 करोड़ों रुपए खर्च करेंगे। डेमोक्रेट पार्टी ने एरिजोना, जॉर्जिया, नेवादा जैसी जगहों में भारतीयों को जोड़ने की जिम्मेदारी सिनसिनाटी के मेयर आफताब पोरूवल को दी है। उन्होंने मल्टी मिलियन डॉलर का कैंपेन ‘जस्टिस यूनाइट्स अस’ लॉन्च किया है। आफताब कहते हैं कि हम घर-घर जा रहे हैं। भारतीय आबादी के इर्द-गिर्द रेस्त्रां, किराने की दुकानों जैसे छोटे-छोटे बिजनेस हाउस में कार्यक्रम रख रहे हैं। कैंपेन कंटेंट हिंदी, पंजाबी, तेलुगु और उर्दू में रख रहे हैं।
अमेरिकी मिडटर्म चुनाव में किंगमेकर भारतवंशी हैं
रिपब्लिकन पार्टी ने भी अखबारों, टीवी व रेडियो पर मिलियन डॉलर के एड दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आबादी में 44 लाख हिस्सेदारी के बावजूद यह सबसे संपन्न प्रवासी समुदाय है। ये पूरे अमेरिका में इस तरह फैले हैं कि 6 राज्यों के 10 जिलों में भारतीय-अमेरिकी 6-18% है। जहां भारतीय 5% से अधिक हैं, वहां किंगमेकर हैं। करीबी मुकाबलों में 2% वोटों का एक स्विंग चुनाव बदल सकता है। यदि राष्ट्रपति बाइडेन मिडटर्म चुनाव में बहुमत खोते हैं तो वे कमजोर हो जाएंगे। आसानी से बड़े फैसले नहीं ले पाएंगे।
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