पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पालेमबंग. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता इस वक्त गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। इस साल जून में ही शहर में खराब एयर क्वालिटी का स्तर कई बार दिल्ली और बीजिंग जैसे शहरों से आगे निकल गया। अब पर्यावरणविद और कार्यकर्ताओं ने लोगों के साथ मिलकर सरकार पर केस दर्ज कराने का फैसला कर लिया है।
Taken from my office, 24th floor. SCBD.
— Varadhita Eriyadi (@dhitavarra) June 26, 2019
#SetorFotoPolusi pic.twitter.com/UZSCgMk9ed
1) जून में पर्यावरण के हालात सबसे बदतर
जकार्ता में रहने वाले लोगों ने हाल ही में 2018 और कुछ दिन पहले की फोटो पोस्ट कर शहर में प्रदूषण के स्तर तुलना की। 25 जून को जकार्ता का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 240 से ऊपर चला गया था। इस दौरान लंदन का एक्यूआई 12 और सैन फ्रांसिस्को का एक्यूआई 26 था।
सरकारी कर्मचारी, व्यापारी और कला के क्षेत्र में काम करने वाले लोग सरकार के खिलाफ मुहिम में हिस्सा ले रहे हैं। सरकार के खिलाफ केस का मतलब यह केस सीधा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पर दायर होगा। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय और जकार्ता, बांतेन और पश्चिमी जावा के गवर्नरों को भी केस में शामिल किया जाएगा।
इस केस को लड़ने वाली संस्था जकार्ता लीगल इंस्टीट्यूट के वकील अयु एजा टियारा के मुताबिक, मामला दायर करने का मकसद सिर्फ इतना है कि सरकार पुरानी नीतियों को बदलकर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नई योजना तैयार करे।
2018 में जकार्ता की एयर क्वालिटी को दक्षिण पूर्वी देशों में सबसे खराब बताया गया था। हालांकि, सरकार इन आंकड़ों को लगातार नकारती आई है। जकार्ता की पर्यावरण एजेंसी के अध्यक्ष का कहना था कि पिछले साल हवा की क्वालिटी काफी बेहतर रही थी और रियल टाइम रिपोर्ट कई बार गलत साबित हो जाती हैं। जकार्ता के गवर्नर एनिएस बसवेदान ने समस्या को वाहनों की वजह से उभरता बताया था।
पॉजिटिव- आज मार्केटिंग अथवा मीडिया से संबंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है, जो आपकी आर्थिक स्थिति के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। किसी भी फोन कॉल को नजरअंदाज ना करें। आपके अधिकतर काम सहज और आरामद...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.