ईरान प्रदर्शन रोकने के लिए हद पार कर रहा:पुलिस आंखें फोड़ रही तो लोग पब्लिक में किस कर रहे, एंबुलेंस अस्पताल नहीं जेल पहुंचा रही

तेहरान4 महीने पहले
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ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी प्रदर्शनों से निपटने के लिए वहां की सरकार अलग-अलग तरीके अपना रही है। कहीं प्रदर्शनकारियों की आंखों को निशाना बनाया जा रहा है तो कहीं उन्हें डिटेन करने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीनों से जारी प्रदर्शनों में अब तक 500 से ज्यादा लोग अपनी आंखों की रोशनी गवां चुके हैं। दो महीनों से ज्यादा समय से जारी ईरान के प्रदर्शनों में इसी तरह के अनोखे मामले सामने आए हैं।

फोटो में देखा जा सकता है कि महिला ने हिजाब नहीं पहना है और वो सड़क के बीचों बीच अपने साथी को किस कर रही है।
फोटो में देखा जा सकता है कि महिला ने हिजाब नहीं पहना है और वो सड़क के बीचों बीच अपने साथी को किस कर रही है।

गोलियों का जवाब पब्लिक में ‘किस ऑफ लव’ से दे रहे लोग

ईरान में सरकार जितना प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश कर रही है ये उतने ही बड़े होते जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान का प्रदर्शन अब 140 शहरों में फैल चुका है। प्रदर्शनकारी हर वो काम कर रहे हैं जिससे सरकार चिढ़ती है। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें बीच सड़क पर बिना हिजाब के एक लड़की अपने साथी को किस करते हुए देखी जा सकती है। ये दोनों लोग काफी सारी गाड़ियों से घिरे हुए हैं। माना जा रहा है कि ऐसा कर सरकार को चुनौति दी गई है। दरअसल ईरान में सार्वजनिक जगह पर इस तरह से किस करने की सख्त मनाही है।

लोगों ने अपनी आंख में लगी पैलेट गन का एक्स रे भेजा है। जिससे चोट की पुष्टि हो रही है।
लोगों ने अपनी आंख में लगी पैलेट गन का एक्स रे भेजा है। जिससे चोट की पुष्टि हो रही है।

पैलेट गन से अंधे हो रहे युवा प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए ईरान की सरकार कोई उपाय नहीं छोड़ रही है। इसी के तहत युवाओं को डराने के लिए पुलिस ने पैलेट और बुलेट गन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसमें प्रदर्शनकारियों की आंखों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले एक महीने से कई सौ युवा अपनी आंखों का इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंच चुके हैं। टाइम्स को दिए बयान में प्रदर्शनकारियों ने बताया है कि ज्यादातर समय जब वो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो वहां बाहर खड़े सिक्योरिटी ऑफिशियल्स उन्हें पकड़ लेते हैं। जिससे समय पर इलाज नहीं होता है।

तेहरान के तीन बड़े आंखों के अस्पातलों में 15 सितंबर तक 500 लोग आंख से जुड़े घावों को लेकर एडमिट किए जा चुके हैं। जबकि कुर्दिस्तान प्रोविंस में ऐसे 80 मामले सामने आए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने न्यूयोर्क टाइम्स को दी जानकारी में बताया है कि जब वह अस्पताल पहुंची तो वहां कम से 20 लोग मौजूद थे जिनकी आंख फोड़ी जा चुकी थी। एक आदमी को तो 52 पैलेट शॉट मारे गए थे।

ईरान में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ईरान में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।

एंबुलेंस में डिटेन किए जा रहे लोग

यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के प्रदर्शनों में अभी तक 10 हजार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं 326 लोगों की जान जा चुकी है। ईरान के प्रदर्शनकारियों से निपटने के तरीके पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में एक रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान की पुलिस प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए उन्हें एंबुलेंस में हिरासत में ले रही है।

एक इंटरव्यू में एक रेस्टोरेंट के वर्कर ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान एंबुलेंस युनिवर्सिटी कैंपस में घुसती हैं। उसने खुद लोगों को एंबुलेंस में डिटेन होते हुए देखा है। वहीं दूसरे प्रदर्शनकारी ने बताया है कि लोगों को अब इलाज कराने में भी डर लगने लगा है। इस तरह से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ने की आशंका है। इससे मेडिकल क्मयूनिटी में भी रोष है।

डिटेन करने के लिए एंबुलेंस के इस्तेमाल पर ने प्रदर्शन भी किया है।
डिटेन करने के लिए एंबुलेंस के इस्तेमाल पर ने प्रदर्शन भी किया है।

पैलेट गन और एंबुलेंस के इस्तेमाल पर क्या कहता है अंतर्राष्ट्रीय कानून

पैलेट गन पर बने कानून से पहले यह जानने की जरूरत है कि यह एक लीथल वेपन नहीं होता है। यानी इसे जानलेवा हथियारों की कैटेगरी से बाहर रखा गया है। इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल भीड़ से निपटने के लिए किया जाता है। हालांकि यदि कम दूरी से यह हथियार चलाए जाएं तो जानलेवा हो सकते हैं।

कानून व्यवस्था का पालन किस तरह कराया जाना चाहिए इसको लेकर यूएन ने एक कोड ऑफ कंडेक्ट बनाया है। इसके मुताबिक भीड़ से निपटने के लिए जब फोर्स के इस्तेमाल को टाला ना जा सके तो इन नियमों का पालन करना होगा।

  • जुर्म की गंभीरता के मुताबिक जितना हो सके अधिकारियों को उतना कम फोर्स इस्तेमाल करना चाहिए।
  • कम से कम नुकसान और चोट पहुंचाने की कोशिश।
  • किसी भी घायल की जान बचाने के लिए उसे जल्द से जल्द मेडिकल ऐड दी जाए।

यूएन के कानून के मुताबिक जहां घायलों को तुरंत मेडिकल ऐड दी जानी चाहिए, ईरान में इसके ठीक उलट हो रहा है। एंबुलेंस में बैठाकर लोगों को जेल भेजा जा रहा है या उन्हें दूर की जगहों पर छोड़ा जा रहा है।