ईरान में हिजाब के विरोध पर नाक काटी:17 साल की निका का शव कटी हुई नाक और सिर पर 29 घाव के साथ मिला

तेहरान6 महीने पहले

ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन और हिंसा जारी है। रविवार को मरने वालों का आंकड़ा 92 हो गया। प्रदर्शन 16 सितंबर को तब शुरू हुए, जब 13 सितंबर को 22 साल की स्टूडेंट माहसा अमिनी को हिजाब न पहनने के लिए मॉरल पुलिस ने गिरफ्तार किया और 16 सितंबर को उनका शव परिवार को सौंप दिया।

शनिवार को विरोध प्रदर्शन की अगुआई कर रहीं 17 साल की निका शकरामी की भी हत्या कर दी गई। पुलिस ने उनके परिवार को बुलाकर शव सौंपा। निका की नाक काट दी गई थी और सिर पर 29 घाव थे।

164 शहरों में प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिजाब विरोधी प्रदर्शन 164 शहरों तक पहुंच चुके हैं। इनका असर 31 राज्यों में देखा जा रहा है। माहसा की मौत के बाद अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार की मुश्किल यह है कि वो जितना विरोध दबाने की कोशिश कर रही है, ये उतना ही तेजी से फैल रहा है।

17 साल की निका शकरामी की मौत के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया है। दूसरी तरफ, सरकार ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों की धमकी दी है कि अगर उन्होंने विरोध नहीं छोड़ा तो इसके नतीजे भुगतने होंगे।

निका शकरामी का कॉलेज में यह पहला साल था। वो हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का अहम चेहरा बनती जा रहीं थीं। पुलिस ने उनकी मौत को एक्सीडेंट बताने की साजिश रची।
निका शकरामी का कॉलेज में यह पहला साल था। वो हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का अहम चेहरा बनती जा रहीं थीं। पुलिस ने उनकी मौत को एक्सीडेंट बताने की साजिश रची।

निका ने दोस्त को किया था आखिरी कॉल
‘द टेलिग्राफ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, निका को तेहरान के एक बाजार से मॉरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब वो अपने फ्रेंड्स के साथ नारेबाजी कर रही थीं। इसके बाद वो पुलिस की गिरफ्त से भाग निकलीं। फरारी के दौरान ही निका ने अपने एक दोस्त को फोन पर बताया कि पुलिस उसका पीछा कर रही है।

निका के परिवार को उनकी फिक्र हुई। उन्होंने तेहरान के हर जेल, डिटेंशन सेंटर, पुलिस स्टेशन और पब्लिक प्लेसेज पर उन्हें खोजा। उन्हें निका के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। कहा जाता है कि शनिवार को पुलिस ने निका के परिवार को बुलाया और उनकी मौत की जानकारी दी।

परिवार के मुताबिक, निका आजाद पढ़ाई में काफी तेज थीं। उन्होंने ईरान में सरकार द्वारा थोपे जा रहे हिजाब कानून का शुरुआत से ही विरोध किया।
परिवार के मुताबिक, निका आजाद पढ़ाई में काफी तेज थीं। उन्होंने ईरान में सरकार द्वारा थोपे जा रहे हिजाब कानून का शुरुआत से ही विरोध किया।

बुरी हालत में थी डेड बॉडी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निका के परिवार ने जब उनका शव देखा तो पाया कि वो बहुत बुरी हालत में था। निका के शरीर पर चोटों के अनगिनत निशान थे। उनकी नाक काट दी गई थी और सिर पर चोट के 29 जख्म थे।

पुलिस से जब इस बारे में सवाल किया गया तो परिवार को बताया गया कि भागने की कोशिश में निका एक ऊंची जगह से गिर गई और सिर में चोट इसी वजह से हैं। परिवार से यह भी कहा गया कि वो मीडिया को इस बारे में कोई जानकारी न दें, वर्ना अंजाम अच्छा नहीं होगा।