ईरान में हिजाब का विरोध चल रहा है। लाखों लोग सड़कों पर हैं। प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने एक पुलिस चीफ की हत्या कर दी। 16 सितंबर से चल रहे प्रदर्शनों में रविवार तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अब सरकार इस आंदोलन का दमन कर सकती है। लोगों को इसका डर सता रहा है। शहरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। लोगों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां चलाई जा रही हैं। पढ़िए वहां के हालात पर रिपोर्ट...
आगे बढ़ने से पहले आपके लिए एक सवाल..
जिस पुलिस चीफ की हत्या की गई, उनका नाम कर्नल अब्दल्लाही है। कुर्दिस्तान के मारिवान में पुलिस उन्हीं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। मॉरल पुलिस की कस्टडी में कुर्द मूल की लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद से ईरान में हिजाब और सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया है।
ईरान में नरसंहार का खतरा
ईरान में मानवाधिकार के लिए काम कर रहे लोगों को डर है कि पुलिस चीफ की मौत के बाद ईरानी सेना IRGC (ईरान रिवोल्यूशनरी गॉर्ड कोर) नरसंहार शुरू कर सकती है। मानवाधिकार समूह हेंगाव ने बताया है कि सभी कुर्द बहुल शहरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। लोगों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां चलाई जा रही हैं।
नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स समूह के मुताबिक, प्रदर्शनों में 133 प्रदर्शनकारियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों की असल संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। जैसे-जैसे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है।
ईरान के कई मीडिया समूहों का कहना है कि अब तक IRGC ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया है। अगर ऐसा होता है तो कहीं ज्यादा लोग मारे जाएंगे।
महसा की मौत पर पहली बार बोले खामनेई, कहा- हमें भी इसका दुख
ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खामनेई ने पहली बार महसा अमीनी की मौत पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि युवा लड़की की मौत एक त्रासद घटना थी। हमें भी इसका दुख है। इसकी प्रतिक्रिया ये नहीं होनी चाहिए थी कि लोग कुरान जला दें, मस्जिदों, बैंकों, गाड़ियों पर हमले करें और महिलाओं के हिजाब उतार दें। ये सामान्य घटनाएं नहीं थीं। ये योजना के तहत हुआ है।
यूनिवर्सिटीज में सेना का निशाना बन रहे स्टूडेंट्स
रविवार देर रात तक ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य शहरों में प्रदर्शन जारी थे। सभी प्रमुख यूनिवर्सिटी में भी विरोध जारी रहा। ईरान की यूनिवर्सिटी में सत्ता समर्थक छात्रों के समूह भी हैं। ये भी प्रदर्शनकारी छात्रों से भिड़ रहे हैं।
तेहरान की यूनिवर्सिटी को भारी सुरक्षाबलों ने घेर लिया। मानवाधिकार समूह फराशगार्द फाउंडेशन के मुताबिक, तेहरान की शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (आर्यामहर यूनिवर्सिटी) में छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई। सुरक्षाबलों ने छात्रों पर गोलीबारी भी की है। इस घटना में मरने वाले या घायल होने वाले लोगों की संख्या अभी तक पता नहीं चल सकी है।
जाहेदान में इंटेलिजेंस चीफ की हत्या
इससे पहले सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत की राजधानी जाहेदान में IRGC के टॉप अफसर की बलोच प्रदर्शनकारियों ने हत्या कर दी थी। बलोच प्रदर्शनकारी एक 15 साल की सुन्नी मुस्लिम बलोच लड़की के बलात्कार का विरोध कर रहे थे। जाहेदान के पुलिस चीफ पर रेप के आरोप लगे हैं।
ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, जाहेदान में सुरक्षाबलों पर हमले में 19 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इनमे सिस्तान-बलोचिस्तान के इंटेलिजेंस चीफ भी शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों में नहीं है खौफ
सुरक्षाबलों के दमन और हिंसक कार्रवाई के बावजूद ईरानी शहरों में भारी तादाद में प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं। सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत के बावजूद प्रदर्शनकारी बेखौफ हैं और ईरानी पुलिस और सैन्यबलों का सामना कर रहे हैं।
ईरान पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि ये युवा पीढ़ी बेखौफ है और पारंपरिक धार्मिक रूढ़िवादी विचारधारा से मुक्त हैं। प्रदर्शनों के दौरान युवा धार्मिक और सामाजिक प्रतिबंधों का खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं। युवा लड़कियों और महिलाओं ने हिजाब उतार दिया और अपने बाल तक काट दिए हैं। ये चलन बढ़ता ही जा रहा है। कई शहरों में प्रदर्शनकारी युवतियां अपने हिजाब जलाकर विरोध जता रही हैं।
क्यों बढ़ते जा रहे हैं प्रदर्शन?
कुर्द इलाकों में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने के बाद ईरानी सुरक्षा बलों ने कुर्द शरणार्थियों के कैंप पर भी हमले किए हैं। इसके अलावा IRGC ने कुर्दिस्तान क्षेत्र में विपक्षी दलों को भी निशाना बनाया है। IRGC के हमलों के बाद कुर्दिस्तान में विपक्षी दलों ने भी लोगों से प्रदर्शनों में शामिल करने की अपील कर दी है।
इस अपील के बाद अधिकतर कुर्द बहुल शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए और हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन और ताकतवर हो गए। जैसे-जैसे प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ रही है, वैसे ही प्रदर्शनकारियों पर IRGC के हमले भी बढ़ते जा रहे हैं। इससे पूरे कुर्दिस्तान क्षेत्र में तनाव फैल गया है। इस क्षेत्र में ईरान विरोधी भावना पहले से ही है, जिसे भी अब और हवा मिल रही है।
ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन; विरोध को रोकने के लिए इंटरनेट किया गया था बंद
ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। महिलाओं के साथ पुरुष भी प्रदर्शन में शामिल है। अब ये 15 शहरों में फैल गया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हो रही हैं। आंदोलन कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं। गुरुवार को फायरिंग में 3 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई। 5 दिन में मरने वालों की तादाद 31 हो गई है। सैकड़ों लोग घायल हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
ईरान में बाल खोलने वाली लड़की का कत्ल:महिलाओं के साथ प्रदर्शन कर रही थीं 20 साल की हदीस, पुलिस ने 6 गोलियां मारीं
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों की अगुआई कर रहीं 20 साल की हदीस नजफी की पुलिस फायरिंग में मौत की खबर है। सोशल मीडिया पर उनकी मौत से संबंधित कई वीडियो वायरल हैं। जानकारी के मुताबिक, शनिवार को हदीस तेहरान से कुछ दूर स्थित कराज शहर में कई महिलाओं के साथ विरोध कर रहीं थीं। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें 6 गोलियां मारीं।
ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की मॉरल पुलिस की कस्टडी में मौत हो गई थी। इसके बाद देश में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रर्दशन शुरू हुए। इनमें चार महिलाओं समेत अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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