पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी। कोर्ट जाधव को पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट की ओर से सुनाई गई मौत की सजा पर समीक्षा करने के लिए सुनवाई कर रही है। अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने पाकिस्तान की ओर से पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसी) के आदेश के मुताबिक, भारत को कॉन्सुलर एक्सेस दी गई थी। हालांकि, भारत ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। इस पर कोर्ट ने ने पाक सरकार से कहा है कि वह भारत को कुलभूषण के लिए वकील रखने का दूसरा मौका दे।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि वह कोर्ट का आदेश भारत को भी भेजे। अब इस मामले पर 3 अक्टूबर को दोबारा सुनवाई होगी। पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले को ध्यान में रखते हुए जाधव मामले पर सुनवाई के लिए एक स्पेशल कानून बनाया है।
दो महीने पहले जाधव को पाक ने दिया था कॉन्सुलर एक्सेस
कुलभूषण जाधव को इमरान सरकार ने अगस्त में दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस दिया था, लेकिन यह महज दिखावा ही साबित हुआ। जाधव से मुलाकात के लिए पाकिस्तान ने अंग्रेजी में बात करने की शर्त रखी थी। कहा था कि इस दौरान पाकिस्तानी अफसर भी वहां मौजूद थे और बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए कैमरे लगाए थे। इस पर भारत ने आपत्ति जताई थी।
2 सितंबर 2019 को पाकिस्तान ने जाधव को पहली बार कॉन्सुलर एक्सेस दिया था। उस वक्त इस्लामाबाद में भारत के उप-उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने उनसे मुलाकात की थी।
2017 में सुनाई गई थी फांसी की सजा
कुलभूषण को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान ने दावा किया था कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया है। 2017 में पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा का ऐलान किया। इसके खिलाफ भारत ने 2017 में ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील दायर की थी।
आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव को फांसी न देने और सजा पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया था। तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
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