इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट सोमवार को अचानक बहरीन के दौरे पर रवाना हुए। किसी भी इजराइली प्रधानमंत्री का यह पहला बहरीन दौरा है। खास बात यह है कि इस दौरे की पहले से कोई जानकारी किसी को नहीं थी। ऐन वक्त पर यह साफ हुआ कि बेनेट बहरीन की राजधानी मनामा में लैंड करेंगे। यह दौरा सिर्फ एक दिन का है। इस दौरान बेनेट बहरीन के सुल्तान किंग हमाद बिन इसा अल खलीफा और क्राउन प्रिंस-प्राइम मिनिस्टर सलमान बिन हमाद अल खलीफा से मुलाकात करेंगे।
बेनेट ने क्या कहा
रवाना होने के पहले बेनेट ने कहा- मेरे लिए यह दौरा बहुत खास और रोमांचित करने वाला है। हम अपने इस क्षेत्र में सहयोग करके खतरों के खिलाफ एकजुटता चाहते हैं। बेनेट और सलमान के बीच नवंबर में क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस के दौरान भी मुलाकात हुई थी। तब क्राउन प्रिंस ने बेनेट को बहरीन आने का न्योता दिया था। मंगलवार को क्राउन प्रिंस से उनकी मुलाकात होगी।
डोनाल्ड ट्रम्प जब अमेरिकी राष्ट्रपति थे तब सितंबर 2020 में अब्रॉहम अकॉर्ड के तहत इजराइल और यूएई ने इजराइल को मान्यता दी थी। वैसे तो इजराइल और सऊदी अरब के भी संबंध हैं, लेकिन सऊदी ने अब तक इजराइल को औपचारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है।
बहरीन में यहूदी समुदाय
अगस्त 2021 में बहरीन की राजधानी मनामा स्थित यहूदी धर्मस्थल सिनेगॉग में 50 यहूदियों ने प्रार्थना की थी। 74 साल में पहली बार ऐसा हुआ था जब यहूदी बहरीन में एक स्थान पर जुटे हों। इस दौरान इजराइली डिप्लोमैट्स भी मौजूद थे।
दिसंबर में बेनेट ने यूएई का भी दौरा किया था। ये भी किसी इजराइली प्रधानमंत्री का पहला यूएई दौरा था। सितंबर में इजराइली फॉरेन मिनिस्टर येर लेपिड भी बहरीन दौरे पर गए थे। तब वहां इजराइली एम्बेसी का इनॉगरेशन हुआ था।
नजर कहां पर है
इजराइल, यूएई, बहरीन, सऊदी अरब और खाड़ी के बाकी देशों का एक ही साझा दुश्मन है। और वो है ईरान। माना जा रहा है कि खाड़ी के तमाम देश इजराइल को ईरान के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते हैं, क्योंकि इजराइल जैसी ताकतवर खुफिया एजेंसी और सेना इन देशों के पास नहीं है। अमेरिका इस वक्त चीन के खिलाफ ज्यादा फोकस कर रहा है, लिहाजा ईरान का जवाब इजराइल को समझा जा रहा है।
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