इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की सरकार का गठबंधन टूट गया है। अब सरकार का गिरना तय है और जल्द ही चुनाव भी होंगे। बता दें कि PM नफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री यायिर लापिद की पार्टियों के बीच हुए गठबंधन सरकार चल रही है। यहां 3 साल में 5वीं बार चुनाव होंगे।
दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर अलायंस तोड़ने की बात कही है। गठबंधन के दौरान हुए समझौते के मुताबिक जब तक अगले चुनाव नहीं हो जाते, तब तक यायिर लापिद कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहेंगे। इजराइल की दक्षिणपंथी यमिना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट हैं। ये पार्टी 2019 में बनी थी। यायिर लापिद यश अतिद नाम की लिबरल पार्टी के चीफ हैं। लापिद ने 2012 में पार्टी बनाई थी।
बेनेट सरकार के पास विपक्ष से बस एक सीट ज्यादा थी
बेनेट सरकार पहले ही अल्पमत में थी और उसके पास विपक्ष से सिर्फ एक सीट ज्यादा थी। बेनेट सरकार के पक्ष में 60, जबकि विरोध में 59 सांसदों ने वोट किया था। अब यायिर लापिद ने भी अलायंस से बाहर आने का फैसला किया है। इजराइल में दो साल में चार सरकारें अल्पमत में रहीं और इसी वजह से चुनाव भी हुए।
सहयोगी क्यों नाराज
रिपोर्ट के मुताबिक, 8 पार्टियों के गठबंधन में शामिल यूनाइटेड अरब लिस्ट फिलिस्तीन के मामले पर बेनेट सरकार से नाराज है। फिलिस्तीनी बस्तियों को लेकर इसका पहले भी सरकार से टकराव था। इस पार्टी का कहना है कि बेनेट सरकार फिलिस्तीन बस्तियों में यहूदियों को जगह दे रही है और यह अरब मूल के लोगों के साथ नाइंसाफी है।
क्या नेतन्याहू की वापसी होगी?
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर सरकार बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ दो सीटों का इंतजाम करना होगा।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट जैमनी मेरोज ने कहा- इजराइल की सियासत में कुछ तय नहीं है। इससे दुनिया में देश की इमेज पर भी असर पड़ता है। बेनेट उन्हीं नेतन्याहू को कुर्सी से हटाकर प्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें उनका राजनीतिक गुरु माना जाता है। नेतन्याहू 12 साल प्रधानमंत्री रह चुके हैं। हालांकि, वे भी गठबंधन सरकार के ही मुखिया थे।
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