इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट ने रविवार को इतिहास रच दिया। 1948 में बने इजराइल के वो पहले प्रधानमंत्री हैं जो किसी अरब देश की ऑफिशियल विजिट पर पहुंचे। रविवार सुबह उनके UAE दौरे का ऐलान हुआ। देर रात वो अबुधाबी पहुंचे। यहां उन्हें UAE के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जाएद ने रिसीव किया। अब्दुल्ला क्राउन प्रिंस के छोटे भाई भी हैं। गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बाद में बेनेट ने कहा- मैं एक ही संदेश लेकर आया हूं। UAE की लीडरशिप और यहां के लोगों से कहना चाहता हूं कि हम सिर्फ पड़ोसी नहीं, बल्कि भाई भी हैं।
इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए। इसमें साइबर सिक्योरिटी से जुड़ा करार है तो करोड़ों डॉलर का ट्रेड पैक्ट भी। इसके अलावा भी कई सेक्टर्स में समझौते हुए हैं।
क्राउन प्रिंस से लंबी बातचीत
बेनेट के स्पेशल एयरक्राफ्ट ने रविवार रात अबुधाबी एयरपोर्ट पर लैंड किया। इसके कुछ देर बाद वो प्रिंस पैलेस पहुंचे। यहां UAE के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद थे।
इस मुलाकात के बाद डेलिगेशन लेवल की बातचीत शुरू हुई। सोमवार को कई समझौतों पर दस्तखत किए गए। इसी दौरान बेनेट ने UAE इंडस्ट्री और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर सुल्तान अहमद अल जबेर से भी बातचीत की।
न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू
मुलाकातों का दौर खत्म होने के बाद बेनेट ने UAE की न्यूज एजेंसी WAM को इंटरव्यू दिया। इसमें कई अहम बातें कहीं। कहा- पिछले साल अब्राहम अकॉर्ड होने के बाद हमने नई शुरुआत की है। अब हम डिप्लोमैटिक, इकोनॉमिक और कल्चरल सेक्टर में बेहद मजबूत रिश्ते बनाएंगे। हमने ट्रेड, रिसर्च, डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी, एजुकेशन और एविएशन सेक्टर्स में बड़े समझौते किए हैं। इन समझौतों से सिर्फ इजराइल और UAE को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि इस क्षेत्र के दूसरे देश भी फायदा उठा पाएंगे।
UAE के लोगों का शुक्रिया
बेनेट ने कहा- मैं UAE की लीडरशिप और यहां के लोगों द्वारा किए गए स्वागत के लिए शुक्रगुजार हूं। किसी भी इजराइली प्रधानमंत्री की यह पहली UAE विजिट है। इसलिए बहुत उत्साहित हूं। ये रिश्ते अब तेजी से बहुत मजबूती से आगे बढ़ेंगे।
इजराइल और UAE के अलावा बाकी देशों को ईरान के एटमी प्रोग्राम से खतरा है। इस बात का जिक्र दोनों ही देशों ने नहीं किया, लेकिन इन रिश्तों की बुनियाद ईरान के खिलाफ ही रखी गई थी। ईरान को एटमी ताकत बनने से रोकने के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों की बातचीत पिछले हफ्ते थम गई थी। UAE के अलावा बहरीन, सूडान और मोरक्को भी अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा हैं। जॉर्डन और कतर पहले ही इजराइल को मान्यता दे चुके थे।
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