इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार खतरे में पड़ गई है। गठबंधन सहयोगी बेनी गेंट्ज ने नेतन्याहू पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। गेंट्ज ने कहा है कि वे संसद में सरकार के खिलाफ वोट करेंगे और अब बेहतर यही होगा कि देश में नए चुनाव कराए जाएं।
बेंजामिन के लिए यह मुश्किल भरी घड़ी है। उन पर पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं और पिछली बार तीन महीने इंतजार के बाद बड़ी मुश्किल से सरकार बना पाए थे।
वादे नहीं निभाते नेतन्याहू
गेंट्ज ने मंगलवार रात आरोप लगाया कि जब से सरकार बनी है, तभी से बेंजामिन गठबंधन के वादे नहीं निभा रहे। गेंट्ज ने कहा अगर यही हाल रहा तो आगे साथ चलना मुश्किल होगा। बेनी ने कहा- गठबंधन सहयोगियों को पता होना चाहिए कि उनका नेता क्या कर रहा है। गेंट्ज देश के रक्षा मंत्री हैं। उनके मुताबिक, वे नहीं चाहते कि सरकार फौरन गिर जाए।
आगे क्या होगा
दो संभवनाएं हैं। पहली- नेतन्याहू और गेंट्ज मतभेद दूर करें। दूसरी- सरकार गिर जाएगी और नए सिरे से चुनाव होंगे। अगर ऐसा होता है तो यह दो साल में चौथा मौका होगा जब इजराइल के लोग नई सरकार चुनेंगे।
गेंट्ज ने कहा- अब अगर सरकार और गठबंधन बचाने की किसी पर जिम्मेदारी है तो वो नेतन्याहू हैं। उन्हें यह तय करना होगा कि वे क्या चाहते हैं। जाहिर तौर पर उन्होंने यह दबाव खुद अपने ऊपर लिया है।
मई में बनी थी सरकार
नेतन्याहू लिकुड पार्टी के अध्यक्ष हैं। गेंट्ज ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के लीडर हैं। मई में दोनों दलों ने एक कॉमन प्रोग्राम के जरिए सरकार बनाने पर सहमित जताई थी। एक डील भी हुई थी। इसके तहत नेतन्याहू पहले 18 महीने प्रधानमंत्री रहेंगे। अगले 18 महीने गेंट्ज पीएम होंगे। सरकार बनने के बाद से ही दोनों पार्टियों के कई मतभेद सामने आ चुके हैं।
गेंट्ज ने कहा- मैं किसी गलतफहमी में नहीं हूं और पहले दिन से जानता था कि नेतन्याहू के साथ सरकार चलाना कितना मुश्किल है। लेकिन, यह वक्त की मांग थी। उन्होंने सिर्फ मुझसे नहीं, बल्कि पूरे देश से झूठ बोला है।
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