यूक्रेन को अमेरिका के गुट में जाता देख, रूस ने 24 फरवरी को हमला कर दिया था। इस हमले को 100 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन रूस का हमला आज भी जारी है। बीते कुछ दिनों से रूस ने यूक्रेन के पूर्वी इलाकों में हमले तेज कर दिए हैं। यही नहीं, अब रूस का फोकस यूक्रेन के डोनबास और लुंहास्क पर है। राष्ट्रपति ने बताया कि इस कब्ज़े में क्रीमिया का कब्जा भी शामिल है।
हर दिन मर रहे हैं 100 सैनिक
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी सेना धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। हालांकि, यूक्रेनी सैनिक भी रूस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जेलेंस्की ने अपने बयान में आगे कहा-कि रूस का सामना करते हुए हर दिन 400 से 500 सैनिक रोजाना गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं और 100 सैनिक शहीद हो रहे हैं।
रूस लंबी लड़ाई के लिए रहे तैयार
यूक्रेन की मदद करने के लिए पश्चिमी देश लगातार मदद भेज रहे हैं। साथ ही नाटो के अध्यक्ष जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रूस को लेकर बयान दिया है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा-नाटो रूस के साथ सीधे लड़ाई नहीं करना चाहता, लेकिन हमें लंबी दौड़ के लिए तैयार रहना चाहिए। अमेरिका यूक्रेन को लगातार समर्थन देता रहा है। इसके अलावा जंग के दौरान अमेरिका ने यूक्रेन को एडवांस हीमर मल्टिपल रॉकेट और 700 मिलियन का पैकेज भेजा है।
68 लाख यूक्रेनी नागरिकों छोड़ना पर देश
रूसी हमले की वजह से यूक्रेन के 68 लाख लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है, जो उसकी आबादी का लगभग 15% है। यानी, हर 6 में से एक यूक्रेनी को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। UNHRC की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 68 लाख लोगों में से लगभग 36 लाख लोग पोलैंड पहुंचे हैं, जिसकी वजह से उसकी जनसंख्या में 10% का उछाल आ गया।
2021 में जहां यूक्रेन की आबादी 4.3 करोड़ थी, वो अब घटकर 3.7 करोड़ रह गई है। दूसरी तरफ 80 लाख लोग यूक्रेन में आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं, जिस वजह से एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो गया। यह संकट इतना विकराल है कि यूक्रेन में हर गुजरते सेकेंड के साथ एक बच्चा युद्ध शरणार्थी बन रहा है।
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