भारत अपनी अध्यक्षता में सालभर में 200 से भी ज्यादा G-20 मीटिंग करेगा। समिट के अलावा कई मीटिंग 1 दिसंबर 2022 से 31 नवंबर 2023 के बीच होंगी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक G-20 की लीडर समिट 9 और 10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में होगी। अध्यक्षता के दौरान सालभर में देशों के अलग-अलग मंत्रालय के वर्किंग ग्रुप नियमित तौर पर मीटिंग करते रहते है।
LiFE पर भारत का फोकस
अपनी अध्यक्षता में भारत LiFE (लाइफस्टाइल फॉर एनवायर्नमेंट) मतलब पर्यावरण से जुड़ी जीवन शैली पर फोकस करेगा। साथ ही महिला सशक्तिकरण और अलग-अलग क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, कल्चर, टूरिज्म और कॉमर्स में टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट भारत की प्रायोरिटी है।
9 गेस्ट देश और 3 इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन होंगे शामिल
G20 में अध्यक्षता करने वाला देश कुछ गेस्ट देशों और IO (इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन) को इन्वाइट करता है। इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन (UN, IMF, वर्ल्ड बैंक, WHO, WTO, ILO, FSB और OECD) और रीजनल ऑर्गेनाइजेशन (AU, AUDA-NEPAD और ASEAN) के अध्यक्षों को भारत इन्वाइट करेगा।
इसके अलावा भारत 9 देशों को गेस्ट के रूप में बुलाएगा। इनमें बांग्लादेश, इजिप्ट, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और UAE शामिल हैं। साथ ही गेस्ट IO के रूप में ISA (इंटरनेशनल सोलर अलायंस), CDRI (कोएलिशन फॉर डिजास्टर रिजिलियंट इन्फ्रास्ट्रक्चर) और ADB (एशियाई डेवलपमेंट बैंक) को इन्वाइट करेंगे।
इंडोनेशिया और ब्राजील के साथ ट्रोइका
G20 में हर साल एक ट्रोइका बनता है जिसमें 3 देश होते हैं। वर्तमान, पिछली और आने वाली G-20 समिट की अध्यक्षता वाले देश इस ट्रोइका के हिस्सा होते हैं। इस साल भारत, इटली और इंडोनेशिया का ट्रोइका है। वहीं अगले साल भारत अपनी अध्यक्षता में इंडोनेशिया और ब्राजील के साथ यह ग्रुप बनाएगा। यह पहली बार होगा जब एक ट्रोइका में उभरती हुई इकोनॉमी के तीन डेवलपिंग देश होंगे।
20 देशों का समूह है G-20
G20 समूह फोरम में 20 देश हैं। इसमें दुनिया के डेवलप्ड और डेवलपिंग इकोनॉमी वाले देश हैं। 19 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (ईयू) शामिल हैं।
ग्लोबल GDP का 85% G20 के पास
G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य फोरम है, क्योंकि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की GDP का 85% हिस्सा है। इसमें दुनिया का 75% इंटरनेशनल ट्रेड भी शामिल है। इन देशों में दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या रहती है।
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