पाकिस्तान की 24 महिलाएं इस वक्त अफगानिस्तान की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। इन महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी हैं। महिलाओं पर आतंकी संगठनों से रिश्तें रखने और उनकी मदद करने का आरोप है। आरोप है कि जेल में मौजूद ज्यादातर पाकिस्तानी महिलाएं इस्लामिक स्टेट खोरसान ग्रुप से जुड़ी हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक न्यूज एजेंसी के हाथ पाकिस्तान के सरकारी दस्तावेज हाथ लगे। यह डॉक्यूमेंट्स काबुल में पाकिस्तानी एम्बेसी ने इस्लामाबाद में अपनी सरकार को भेजे थे। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अब तक इस मसले पर कोई बयान नहीं दिया है।
एम्बेसी ने इमरान सरकार को लेटर लिखा
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। पिछले हफ्ते पाकिस्तानी अफसरों की एक टीम गुपचुप तरीके से काबुल के पुल-ए-चरखी जेल पहुंची। यहां कुछ ऐसी पाकिस्तानी महिलाएं कैद हैं, जिन पर आईएस जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के लिए काम करने का आरोप है। इनमें से कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनके साथ उनके बच्चे भी जेल में हैं।
इस घटना के कुछ दिनों पहले पाकिस्तान की एम्बेसी ने इस्लामाबाद में फॉरेन मिनिस्ट्री को एक लेटर लिखा था। इसमें तमाम महिला कैदियों की जानकारी और उन पर लगे आरोपों की तफ्सील से जानकारी थी। इस लेटर के मुताबिक- सभी महिलाओं पर आईएस के लिए काम करने का आरोप है।
फिर फंसेगी इमरान सरकार
पिछले दिनों इमरान, पाकिस्तानी फौज और विदेश मंत्रालय ने अलग-अलग बयानों में दावा किया था कि देश में आईएस एक्टिव नहीं है और न ही किसी पाकिस्तानी के इस संगठन से रिश्ते हैं। अब पाकिस्तानी एम्बेसी ने ही इस झूठ को उजागर कर दिया है। इतना ही नहीं, सभी कैदी महिलाओं के एड्रेस और फोन नंबर भी इस लेटर में साफ-साफ बताए गए हैं। ब्लूमबर्ग ने अपनी दो रिपोर्ट्स में दावा किया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को इन महिलाओं के बारे में पूरी जानकारी थी।
FATF में क्या जवाब देगी इमरान सरकार
इसी महीने फाइनेंशियल टास्क फोर्स की मीटिंग है। मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का इस बार भी ग्रे लिस्ट से निकलना मुमकिन नहीं है। उसे 27 शर्तें पूरी करनी थीं। इनमें से 6 पर काम होना अभी बाकी है। 3 पर आंशिक तो 3 पर बिल्कुल प्रगति नहीं हुई। इतना ही नहीं पाकिस्तान सरकार आईएमएफ की शर्तें भी पूरी करने में नाकाम रही है। देश में महंगाई दर 12% के करीब है।
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