अमेरिका बोला- अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग:चीन LAC पर हालात बिगाड़ने की कोशिश कर रहा, वह इंडो-पैसिफिक के लिए खतरा

वॉशिंगटन3 महीने पहले
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अमेरिकी सीनेटर ने कहा- चीन LAC पर अभी जो स्थिति है उसे बदलने की कोशिश कर रहा है और हम इसकी निंदा करते हैं। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar
अमेरिकी सीनेटर ने कहा- चीन LAC पर अभी जो स्थिति है उसे बदलने की कोशिश कर रहा है और हम इसकी निंदा करते हैं। (फाइल फोटो)

अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश और चीन के बीच मैकमोहन लाइन को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के तौर पर मान्यता दे दी है। अमेरिकी सीनेट में पास हुए एक प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है। बिल को सीनेट (अपर हाउस) में लाने वाले सांसद बिल हैगरटी और जेफ मर्क्ले ने कहा- चीन लगातार इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खतरा पैदा कर रहा है। ऐसे में ये जरूरी है कि अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदार और खासतौर पर भारत के साथ खड़ा रहे।

उन्होंने कहा- ये बिल अरुणाचल प्रदेश को स्पष्ट रूप भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देता है। चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अभी जो स्थिति है उसे बदलने की कोशिश कर रहा है और हम इसकी निंदा करते हैं। हम लगातार भारत और क्वाड देशों के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाने के पक्ष में हैं, जिससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाई जा सके।

सीनेट की समिति के अध्यक्ष मर्कले ने कहा कि बिल यह साफ करता है कि अमेरिका अरुणाचल काे भारत के हिस्से के रूप में देखता है, न कि चीन के। (फाइल फोटो)
सीनेट की समिति के अध्यक्ष मर्कले ने कहा कि बिल यह साफ करता है कि अमेरिका अरुणाचल काे भारत के हिस्से के रूप में देखता है, न कि चीन के। (फाइल फोटो)

LAC पर चीन के उकसावों की निंदा की
इस प्रस्ताव में अमेरिका ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन के उकसावों की निंदा की है। उन्होंने चीन के सैन्य बल का इस्तेमाल करने, विवादित क्षेत्र में गांव बसाने, स्थानीय शहरों का मैंडरिन (चीनी भाषा) में नाम रखने और मैप पब्लिश करने की भी निंदा की है। इसके साथ ही उन्होंने भूटान में भी कई क्षेत्रों को चीन का हिस्सा बताने को गलत ठहराया है।

भारत-क्वाड के साथ संबंध बेहतर करने पर फोकस
इसके अलावा, प्रस्ताव में चीन की तरफ से बढ़ते खतरों के बीच अपने बचाव में उठाए गए कदमों के लिए भारत सरकार की सराहना की गई है। इसके अलावा रिजोल्यूशन में भारत-अमेरिका के बीच डिफेंस, टेक्नोलॉजी और इकोनॉमी के क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। साथ ही क्वाड, ईस्ट एशिया समिट और एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस (ASEAN) के जरिए दोनों देशों के बीच मल्टी-लैटरल कोऑपरेशन बढ़ाने की भी बात कही है।

चीन ने तवांग में की थी घुसपैठ की कोशिश
अरुणाचल के तवांग में 9 दिसंबर, 2022 को भारत और चीन के सैनिकों में हाथापाई हुई थी। 600 चीनी सैनिकों ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश की थी। यह पोस्ट यांगत्से में है। भारतीय सैनिकों ने चीनियों को खदेड़ दिया था। तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी। इसके बाद IAF ने तुरंत अपने लड़ाकू विमान अरुणाचल सीमा पर तैनात किए थे।

लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून 2020 को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी।
लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून 2020 को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी।

3 साल पहले गलवान में हुई थी झड़प
15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।

चीन ने अरुणाचल से लगे इलाके में बदले थे 15 जगहों के नाम
2021 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्र में 15 स्थानों के नाम चीनी और तिब्बती रख दिए थे। चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा था- यह हमारी प्रभुसत्ता और इतिहास के आधार पर उठाया गया कदम है। यह चीन का अधिकार है। दरअसल, चीन दक्षिणी तिब्बत को अपना क्षेत्र बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया। इसके पहले 2017 में चीन ने 6 जगहों के नाम बदले थे।