मलेशियाई एयरलाइंस का लापता विमान MH370 आज भी रहस्य बना हुआ है। यह विमान मार्च 2014 में कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए रवाना होने के बाद गायब हो गया था। इसमें 239 यात्री भी सवार थे। इसकी खोज कई महीने चली, हालांकि कोई हल नहीं निकला था। अब एक एक्सपर्ट ने चौंका देने वाला दावा किया है।
एयरोस्पेस एक्सपर्ट रिचर्ड गॉडफ्रे के मुताबिक- फ्लाइट MH370 समुद्र की गहराइयों में है। विमान ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर से 1,933 किमी दूर क्रैश हुआ और समुद्र में गिरा। एयरक्राफ्ट के गायब होने से पहले उसका पीछा किया जा रहा था।
विमान के गायब होने के 3 साल बाद 2017 में तलाशी अभियान आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया था। हालांकि 2019 में अमेरिकी कंपनी ओशन इनफिनिटी ने फिर से तलाशी अभियान शुरू करने का ऐलान किया था।
यात्रियों के परिवार का कहना है कि विमान पर जानबूझकर हमला किया गया और उनके परिजनों को मार दिया गया।
MH370 के रास्ते का पता लगाया एक्सपर्ट का मानना है कि उन्होंने दुनियाभर में रेडियो फ्रीक्वेंसी में हुई गड़बड़ी को ट्रैक करके विमान के अंतिम रास्ते का पता लगा लिया है। समुद्र के ऊपर विमान के रास्ते में हैरतअंगेज पैटर्न पाए गए। ऐसा तब होता है जब पायलट जानबूझकर एयरक्राफ्ट के इंजन को बंद कर दे। विमान का रास्ता सीधा था, तो हो सकता है कि पायलट जहारी अहमद शाह ने उसे ऑटो-पायलट मोड पर रखा हो।
आपराधिक साजिश का शिकार? कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के घंटे भर बाद ही विमान का संपर्क ATC से टूट गया था। जांचकर्ता कई बार कह चुके हैं कि विमान का संपर्क खुद नहीं टूटा, बल्कि उसे तोड़ा गया।
विमान की तलाश में 26 देश के 18 शिप, 19 एयरक्राफ्ट और 6 हेलीकॉप्टर लगे हुए थे।
विमान के गायब होने से जुड़ी कई पहेलियां
एविएशन में एक उड़ता हुआ विमान दूसरे उड़ते हुए विमान की आड़ में छुप जाता है। इसी पहेली ने उन लोगों को उलझा दिया जो फ्लाइट संख्या MH 370 के लापता होने की पहेली सुलझाने की तलाश में दिन रात एक कर रहे हैं। तकनीक की भाषा में इसे सिंगल ब्लिप कहा जाता है। आशंका है कि मलेशिया का बोइंग विमान उस रोज कुछ इसी तरह से पूरी दुनिया की नजर से बचाकर किसी सीक्रेट जगह पर ले जाया गया हो।
एक रुसी ने कहा था- कुआलालंपुर से बीजिंग के रास्ते पर निकले बोइंग विमान ने जैसे ही रास्ता बदला तो प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी नेवी के रडार ने उसे पकड़ लिया। चेतावनी के बावजूद जब विमान अपने तय रास्ते पर नहीं लौटा तो अमेरिकी नेवी के विमानों ने उसे अपने कब्जे में कर लिया।
एक रिपोर्ट में कहा गया- जांचकर्ताओं को अहम फ्लाइट डाटा मिला। इससे पता चला है कि एयरक्राफ्ट अंतिम समय तक पायलट के कंट्रोल में था। इस तथ्य के सामने आने के बाद से इस बात की आशंका गहरा गई है कि पायलट ने आत्मघाती कदम उठाते हुए विमान को समुद्र में गिरा दिया।
थ्योरी के मुताबिक ये माना जा रहा है कि पायलट जहारी अहमद शाह तनाव में होगा और इसी वजह से उसने विमान को समुद्र में गिरा दिया।
फ्लाइट संख्या MH 370 ने रात 12 बज कर 41 मिनट पर कुआलालंपुर से उड़ान भरी थी। ठीक 49 मिनट बाद विमान का ट्रांसपॉन्डर ऑफ हो गया। ATC उसी ट्रांसपॉन्डर के जरिए विमान और उसके रूट को जमीन से कंट्रोल करती है। जिस किसी ने भी विमान का ट्रांसपॉन्डर बंद किया वो जानता था कि ट्रांसपॉन्डर के बंद होते ही विमान रडार की नजरों से गायब हो जाएगा।
विमान की तलाश में जुटे देश इस आशंका को नजरअंदाज नहीं कर रहे कि विमान के लापता होने में किसी तालिबानी संगठन का हाथ न हो। और कहीं इस विमान को गुप्त तरीके से आतंकवादियों ने रडार की नजरों से बचाकर अफगानिस्तान के ठिकाने तक न पहुंचा दिया हो।
इसमें से किसी एक पहेली में, वो सच छुपा हुआ है। जिसे पूरी दुनिया जानना चाहती है।