पाकिस्तान में सरकार नहीं, बल्कि फौज और खुफिया एजेंसी ISI देश चलाती हैं। इनके जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने वाले या तो मारे जाते हैं या लापता हो जाते हैं। वो कहां हैं, किसी को नहीं पता। एक आंकड़े के मुताबिक करीब 14 हजार लोग लापता हैं। ज्यादातर मामलों में तो केस ही दर्ज नहीं होते।
यहां बात एक ऐसे बेटे की जिसके जर्नलिस्ट पिता 2018 से लापता हैं और मां भी इस दुनिया में नहीं रहीं। पिता को पाने की आस लगाए यह बच्चा सोमवार को 4 साल का हुआ। इंसाफ के मंदिर में उसने बर्थडे केक काटा और जुबां पर बस इतनी सी इल्तजा- मेरे पापा को वापस ला दो। यही बर्थडे गिफ्ट होगा। बदकिस्मती ये कि कोई नहीं जानता फौज और ISI ने उसके पिता के साथ क्या किया।
पहले मामला समझते हैं
जिस बच्चे ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में केक काटा उसका नाम है सचल नारू है। उसके पिता मुदस्सर नारू का शुमार पाकिस्तान के उन जर्नलिस्ट्स में होता था जो बलूचिस्तान और खैबर पख्तूख्वा में फौज और ISI के जुल्म-ओ-सितम के खिलाफ आवाज उठाते थे। 2018 को एक दिन अचानक मुदस्सर को कुछ अनजान लोगों ने अगवा कर लिया। तब से उनका कोई सुराग नहीं मिला।
मुदस्सर के इंतजार में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। सचल के बुजुर्ग माता-पिता आए दिन इस मासूम के साथ हाईकोर्ट की चौखट पर गुहार लगाते नजर आते हैं। इस उम्मीद से कि सचल को उसके अब्बू और माता-पिता को उनके बेटे की शायद कोई सच्ची खबर मिल जाए।
सचल का बर्थडे पर हैप्पी नहीं
सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में मुदस्सर नारू केस की सुनवाई थी। इस केस को चीफ जस्टिस अतहर मिन्ल्लाह की बेंच सुन रही है। अतहर का शुमार सबसे ईमानदार और सख्त जजों में होता है। हर सुनवाई पर दादा-दादी के साथ सचल भी इंसाफ की उम्मीद में अदालत आता है। सोमवार को उसका चौथा बर्थडे था। सचल की वकील इमान मजारी उसके लिए केक लाईं। कई वकील जुटे और फिर कोर्ट रूम के बाहर उसने केक काटा।
हर किसी की आंखें नम थीं। जस्टिस अतहर को भी इसकी जानकारी थी। उन्होंने लापता लोगों के मामलों की कथित जांच करने वाले कमीशन से कहा- अगली सुनवाई पर डीटेल रिपोर्ट पेश करें। हालांकि, पिछली सुनवाई पर भी यही सब कुछ हुआ था। नतीजा कुछ नहीं निकला।
सरकार क्या कहती है
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा- लापता लोगों के कुल 8 हजार मामले थे। 6 हजार मामलों का निपटारा हो चुका है। कुछ लोग घर लौट चुके हैं, बाकी के बारे में हमारी तफ्तीश जारी है। कुछ लोग जेल में हैं। जस्टिस अतहर ने पूछा- क्या आपके पास इस तरह के मामलों से निपटने के लिए कोई नीति है? अगर नहीं तो इन लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए सरकार क्या कर रही है? जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं होता? सरकार का काम लोगों की हिफाजत करना है, उन्हें गायब करना नहीं।
इमरान भी वादाखिलाफ निकले
पिछले साल जनवरी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी सचल और उसकी फैमिली से मुलाकात की थी। इमरान ने सचल को गोद में लेकर वादा किया था वो उसके पिता मुदस्सर को खोज निकालेंगे। उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया।
फौज और ISI के तरफदार कहते हैं कि मुदस्सर ने खुदकुशी कर ली थी। हालांकि, ‘द डॉन’ अखबार की रिपोर्ट में मुदस्सर के एक दोस्त ने दावा किया था कि वो फौज की हिरासत में हैं। इस दोस्त ने कहा- मैं खुद मुदस्सर से मिला था।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.