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अमेरिका के एक कोर्ट ने मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। राणा ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। कोर्ट को बेल पैकेज के तौर पर मोटी रकम देने की पेशकश भी की थी। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने कोर्ट से उसे बेल नहीं देने का अनुरोध किया। इसके बाद उसकी याचिका खारिज कर दी गई। कोर्ट ने कहा कि मुंबई हमले में राणा ने अहम भूमिका निभाई। उसे जमानत पर रिहा करने से वह समाज के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
राणा को शिकागो में 14 साल की सजा हुई थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने और सेहत खराब होने के आधार पर सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारत में हत्या और हत्या की साजिश में शामिल होने के आधार पर उसे सौंपने की मांग की थी। इसके बाद, जून 2019 में उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
2018 में राणा के खिलाफ भारत ने जारी किया था वारंट
राणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वकीलों के मुताबिक राणा अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मुंबई हमले की साजिश में शामिल था। पाकिस्तान में 2006 से 2008 के बीच साजिश रची गई थी, राणा ने लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी।
26/11 के आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे
26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए थे। उनमें 166 लोग मारे गए और 300 घायल हुए थे। मरने वालों में कुछ अमेरिकी नागरिक भी थे। एनकाउंटर में पुलिस ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया और अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। 2012 में उसे फांसी दे दी गई।
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